कन्नौज: अभिभावकों को लूट रहे खुद को हाईटेक बताने वाले शिक्षा के मंदिर, जानें कैसे...

एनसीईआरटी की किताबों की बजाय प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकों से पढ़ाई, डीआईओएस ने किया नामी गिरामी स्कूलों का निरीक्षण तो खुली पोल

कन्नौज: अभिभावकों को लूट रहे खुद को हाईटेक बताने वाले शिक्षा के मंदिर, जानें कैसे...

कन्नौज, अमृत विचार। खुद को नामीगिरामी स्कूलों की सूची में बताने वाले कई निजी विद्यालय अभिभावकों को लूट रहे हैं। स्कूल में हाईटेक सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करने वालों के दावे कितने सटीक हैं, यह डीआईओएस के निरीक्षण में सामने आ गया। एनसीईआरटी की बजाय प्राइवेट प्रकाशन की किताबों से पढ़ाई होती मिली। प्रयोगशालाओं में गंदगी व पर्याप्त उपकरण नहीं मिले। इसके बावजूद छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों से भारी-भरकम फीस वसूल की जाती है

कैप्टन बीपीएस स्कूल में एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाई नहीं

तिर्वा क्षेत्र के टूसावरी गांव निकट चल रहे कैप्टन बीपीएस पब्लिक स्कूल का डीआईओएस ने शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे निरीक्षण किया। विद्यालय में पीजी से कक्षा 12 तक की कक्षाएं सीबीएसई बोर्ड से संचालित मिलीं। डीआईओएस डॉ. पूरन सिंह ने बताया कि शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर में किसी भी शिक्षक का पदनाम नहीं लिखा गया है। निरीक्षण के समय प्रधानाचार्य उपस्थित नहीं थे।

विद्यालय मे नर्सरी कक्षा में 38, पीजी में 26, यूकेजी में 50, कक्षा एक में 50, कक्षा दो में 43, कक्षा तीन में 34, कक्षा चार में 44, कक्षा पांच में 29, कक्षा छह व सात में 55-55, कक्षा आठ में 39, कक्षा नौ में 40, कक्षा 10 में 52, कक्षा 11 में 35 और कक्षा 12 में 35 छात्र-छात्राएं पंजीकृत पाए गए। उन्होंने कक्षा एक, तीन, चार व कक्षा 11 में पहुंचकर निरीक्षण किया।

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इसमें पाया कि बच्चों को एनसीईआरटी की पुस्तकों से नहीं पढ़ाया जा रहा था। इनके स्थान पर प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकों से पठन पाठन हो रहा था। विद्यालय में अभिलेखीय विवरण सही नहीं मिला। साथ ही भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाओं के निरीक्षण में साफ-सफाई का अभाव पाया गया। प्रयोगशाला में उपकरण की कमी मिली। संबंधित अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

शहीद चंद्रभान स्कूल में बिना मान्यता के चल रहीं कक्षाएं

डीआईओएस डॉ. पूरन सिंह ने बताया कि शहीद चंद्रभान मेमोरियल एकेडमी सरायमीरा का शुक्रवार को सुबह 10.20 बजे निरीक्षण किया गया। विद्यालय में पीजी से कक्षा आठ तक की कक्षाएं चलती मिलीं। कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक की कक्षाएं चलना भी प्रतीत हुआ। 

जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि बीएसए कार्यालय ने कक्षा छह से आठ तक की तीन साल के लिए मान्यता दी थी, जिसका समय गुजर गया है। साथ ही विद्यालय का यू-डायस भी नहीं लिया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य प्रीती मौके पर मौजूद थीं। विद्यालय में नर्सरी में सात, एकेजी में 20, यूकेजी में 42, कक्षा एक में 36, कक्षा दो में 22, कक्षा तीन में 34, कक्षा चार में 44, कक्षा पांच में 29, कक्षा छह में 42, कक्षा सात में 34, कक्षा आठ में 41 छात्र-छात्राएं पंजीकृत मिले।

अनियमित रूप से अमान्य कक्षाएं संचालित मिलने पर नाराजगी जताई गई। विद्यालय में एनसीईआरटी की पुस्तकों का प्रयोग न करके प्राइवेट पुस्तकें चलाई जा रहीं हैं। विद्यालय में भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान व रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाओं में साफ-सफाई नहीं थी। साथ ही उपकरण भी कम मिले। विद्यालय के जरूरी अभिलेख भी मांगे गए। इस मौके पर राजकीय अभिनव विद्यालय गंगधरापुर के प्रभारी प्रधानाचार्य जितेंद्र यादव भी मौजूद रहे।

दोनों प्रधानाचार्यों के लिए निर्देश दिए गए हैं कि एनसीईआरटी से मान्य पाठ्यक्रम से पढ़ाई कराई जाए। बाजार या विद्यालय से प्राइवेट पैटर्न की पुस्तकों को खरीदने के लिए न कहा जाए। अगर किताबों का अभाव है तो वेबसाइट से पाठ्यक्रम अपलोड कर शिक्षा दी जाए। सुधार न हुआ तो कार्रवाई की जाएगी.., डॉ. पूरन सिंह, डीआईओएस।

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