Chaitra Navratri 2024: कल घर-घर विराजेंगी माता रानी, बाजार में उमड़े खरीदार, इस उत्तम मुहूर्त में कलश स्थापना

मंदिरों में साफ-सफाई कर की गई विशेष तैयारी

Chaitra Navratri 2024: कल घर-घर विराजेंगी माता रानी, बाजार में उमड़े खरीदार, इस उत्तम मुहूर्त में कलश स्थापना

सुलतानपुर, अमृत विचार। वसंतीय नवरात्र को लेकर माता रानी के भक्तों में उत्साह है। मंगलवार को घर-घर कलश स्थापना के साथ माता रानी विराजेंगी और पूजा पाठ शुरू हो जाएगा। नवरात्र को लेकर मंदिरों में साफ-सफाई कर विशेष तैयारी की जा रही हैं। बाजारों में दिन भर खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है।

हमारे सनातन धर्म में चौत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा का बड़ा ही महत्व है। इसी दिन से हिंदू नव वर्ष प्रारंभ हो जाता है। यह नव संवत्सर का प्रथम दिवस कहलाता है। यह दिन परम पुनीत माना जाता है। इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि रचना का कार्य आरंभ किया था और भगवान का मत्स्य अवतार भी इसी दिन हुआ था। सतयुग का आरंभ दिवस भी चौत्र शुक्ल की प्रतिपदा को ही माना जाता है। भगवान श्री राम और महाराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था। भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसी पक्ष में सूर्य मेष राशि पर आ जाता है और वसंतीय नवरात्रि का आरंभ भी आज के ही दिन से हो जाता है।

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भदैंया क्षेत्र के सौराई गांव के निवासी कथा व्यास संतोष जी महाराज ने बताया कि अबकी बार 9 अप्रैल दिन मंगलवार से रेवती नक्षत्र में इस नए वर्ष का आरंभ हो रहा है। यह वर्ष पिंगल संवत्सर के नाम से जाना जाएगा। इस वर्ष के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कलश स्थापना का उत्तम मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में दिन में 11:36 से 12:24 बजे तक है। कुछ विद्वानों के आधार पर वैधृति योग में घट स्थापना का विधान नहीं है। वैधृति योग दिन में 3:17 तक भोग कर रहा है।

इसलिए वैधृति योग के मध्य में ही अभिजीत मुहूर्त निकाला गया है जो घट स्थापना के लिए नियुक्त किया गया है। विकल्प के अनुसार 3:17 बजे के बाद सूर्यास्त तक घट स्थापना हो सकती है। महाष्टमी का व्रत 16 अप्रैल को किया जाएगा। 9 दिन व्रत करने वाले श्रद्धालु नवमी तिथि में हवन पूर्णाहुति 17 अप्रैल को करेंगे। इसी दिन भगवान श्री राम का जन्म दिवस बड़े धूमधाम के साथ अयोध्या नगरी के साथ सारे देश में मनाया जाएगा। नौ दिन व्रत करने वाले श्रद्धालु पारण दशमी तिथि में 18 अप्रैल को प्रातः करेंगे।

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