बदायूं: ऑफर की बात कहकर लिए रुपये, न तो दी कार और न ही पैसे किए वापस, जांच में जुटी पुलिस

पीड़ित की तहरीर पर शोरूम के मालिक, महाप्रबंधक, मैनेजर समेत सात लोगों के खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट

बदायूं: ऑफर की बात कहकर लिए रुपये, न तो दी कार और न ही पैसे किए वापस, जांच में जुटी पुलिस

बदायूं, अमृत विचार। कुछ दिन पहले कार खरीदने आए ग्राहकों से बुकिंग के नाम पर रुपये लेने और कंपनी को जमा न करने पर महाप्रबंधक ने शोरूम के मैनेजर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मैनेजर के धोखाधड़ी में फंसे एक युवक ने शोरूम के मालिक, महाप्रबंधक, मैनेजर समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

शहर के न्यू आदर्श नगर कॉलोनी निवासी रचित बंसल ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर बताया कि दो दिसंबर 2023 को वह अंबेडकर छात्रावास के पास इटरनिटी मोटर्स शोरूम पर कार लेने के लिए गए थे। शोरूम पर मौजूद शोरूम के मैनेजर लोकेश अरोड़ा उर्फ लकी, ग्राहक सेवा एजेंट धीरज अरोड़ा व अभिषेक सिंह, कस्टमर सर्विस प्रोवाइडर कुणाल गुप्ता मिले। कुणाल गुप्ता ने उन्हें सीएनजी से चलने वाली कार का मॉडल दिखाया। 

मैनेजर लोकेश अरोड़ा ने कहा कि अगर आज ही कार बुक कराते हैं तो अच्छा ऑफर भी मिल जाएगा। मैनेजर ने महाप्रबंधक दीपक कुमार गुप्ता से बात कराई। जिन्होंने रचित बंसल को आश्वासन दिया कि अपने मालिक अमित अग्रवाल से सहमति के बाद ही ऑफर दे रहे हैं कि अगर दिसंबर महीने में ही डिलीवरी चाहते हैं तो तत्काल एक लाख रुपये जमा कराने होंगे। 

रचित बंसल ने 4 दिसंबर को अपने बैंक से 70 हजार रुपये और दूसरी बैंक से 30 हजार रुपये लोकेश अरोड़ के बताए यूपीआई नंबर पर ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। पावती पवन भारती के नाम से प्राप्त हुई। पूछने पर मैनेजर ने पवन भारती को बुकिंग अधिकृत अधिकारी बताया। एक लाख रुपये का भुगतान करने के बाद एक मोबाइल नंबर से बुकिंग कंफर्म हुई। जिसपर मैसेज मिला कि ग्राहक सेवा अधिकारी कुणाल गुप्ता से संपर्क करें। 14 दिसंबर को मैनेजर ने अभिषेक सिंह को भेजा। 

रचित ने उन्हें 50 हजार रुपये नगद, 19 दिसंबर को धीरज अरोड़ा को 50 हजार रुपये नगद दिए। शोरूम पर आकर रसीद लेने की बात कही। शोरूम पर जाने पर रसीद नहीं मिली। कहा गया कि चिंता न करें देय रकम में यह धनराशि समायोजित कर देंगे।

एक सप्ताह के बाद रचित फिर शोरूम पर गए। धीरज अरोड़ा, अभिषेक सिंह, कुणाल गुप्ता, पवन भारती ने मैनेजर के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ जाने की बात कही। तीन दिन बाद फिर गए तो भी मैनेजर नहीं मिले। जिसके चलते मजबूर होकर वह बरेली स्थित कंपनी के शोरूम पर पहुंचे। जहां शोरूम के मालिक अमित अग्रवाल और महाप्रबंधक दीपक गुप्ता मिले। जिन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।

आगे कहा कि उनके रुपये कंपनी पर जमा न होने पर मैनेजर लोकेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनके दिए रुपयों से कंपनी को कोई सरोकार नहीं है। सिविल लाइन पुलिस ने शोरूम मालिक, महाप्रबंधक, मैनेजर के अलावा धीरज अरोड़ा, कुणाल गुप्ता, अभिषेक सिंह, पवन भारती के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वास के हनन के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की है।

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