लखीमपुर खीरी: बेमौसम बारिश से गेहूं-सरसों की फसल को नुकसान, किसान परेशान

मौसम के बदले मिजाज से किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी, शनिवार दिनभर होती रही रिमझिम बरसात

लखीमपुर खीरी: बेमौसम बारिश से गेहूं-सरसों की फसल को नुकसान, किसान परेशान

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। शनिवार को तड़के से शुरू हुई बेमौसम बारिश दिनभर रुक-रुककर कभी तेज तो कभी धीमी होती रहीं, जिससे जहां एक बार फिर ठंड लौट आने का आभास हुआ। वहीं गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। इससे किसानों की भी चिंता बढ़ गई। वहीं कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुहेल ने बताया कि मामूली बारिश से तो फसल हो ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन यदि यह बारिश ज्यादा हुई अथवा ओलावृष्टि होने पर गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो जाएगी। मौसम विभाग की ओर से रविवार को भी बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। इससे किसानों की नींद उड़ गई हैं। शुक्रवार शाम से ही मौसम का मिजाज बदलने लगा था। 

शनिवार सुबह आसमान में काले बादल छा गए और देखते ही देखते बारिश होने लगी। बारिश के बाद ठंडी हवाओं ने फिर से लोगों को सर्दी का का एहसास करा दिया। बारिश होने से जन जीवन अस्त व्यवस्त होने के साथ निचले इलाकों में जलभराव होने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। इससे संकटा देवी रोड, मोहल्ला गुटैय्याबाग सहित कई इलाकों में बरसात का पानी भरने से राहगीरों को दिक्कत हुई। वहीं आसमान में बादल देखकर किसानों की नींद उड़ गई। किसानों को खेत में खड़ी सरसों और गेहूं की फसल की चिंता सताने लगी। 

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सरसों की फसल लगभग तैयार हो चुकी और गेहूं की फसल में भी बालियां आनी शुरू हो गई। किसानों को डर है कि यदि तेज बरसात के साथ हवाएं चली तो सरसों का फूल ही नहीं फसल तक गिर जाएगी।इससे इनका उत्पादन प्रभावित होगा। हालांकि शनिवार को हल्की बारिश होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। मगर, मौसम विभाग की ओर से रविवार को भी बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इसको लेकर किसानों को डर सता रहा है कि यदि तेज बरसात हुई तो फसलों में नुकसान होना तय है।

सर्दी से बचते नजर आए लोग
पिछले कुछ दिनों से काफी तेज धूप निकल रही थी। इससे दिन में लोग गर्म कपड़े पहनने से परहेज करने लगे थे। वहीं रात में भी रजाई के बजाय कंबल आदि प्रयोग कर रहे थे। मगर, शनिवार को बारिश के साथ चलने वाली हवाओं ने एक बार फिर से लोगों को सर्दी का एहसास करा दिया। लोग गर्म कपड़े पहनकर घर से निकलने के लिए मजबूर हुए तो वहीं कुछ लोग घरों में ही दुबके रहे।

मौसम के बदले मिजाज से किसान चिंतित, सरसों की कटी हुई फसल भीगी, तो गेंहू भी आड़े-तिरछे गिरे, किसान मायूस
शुक्रवार की रात से ही मौसम के बदलते मिजाज से हो रही बूंदाबांदी और हल्की वर्षा से किसानों के माथे पर चिंता की लकरीरें खिंच गई हैं। उन्हें भय सता रहा है कि तेज वारिस हुई तो खेतों में कटी पड़ी लाही, सरसों की फसल नष्ट हो जाएगी। हवा चली तो फसलें गिर जाएंगी। ओलावृष्टि हुई तो रबी की फसल बर्बाद हो जाएगी।

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शुक्रवार की रात से शुरू हुई वर्षा शनिवार को दिन भर रिमझिम होती रही। इससे रबी फसलों के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। हालांकि गन्ने की फसल को लाभ पहुंच रहा है। शनिवार को शादी बारातों की सहालग होने से कन्या पक्ष के लोगों की चिंताएं बढ़ गईं। गांवों में लगाए गए पांडाल और की गई बिजली की सजावट भी मौसम परिवर्तन के कारण लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। शादी बारात में भोजन, नाश्ते के प्रबंध पर भी असर पड़ा है।

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