Exclusive: आलू का स्वाद बिगाड़ रही ‘स्केब’ बीमारी; फसलों को कर रही बेकार... किसान परेशान, वैज्ञानिक भी हैरान...
कानपुर, राजीव त्रिवेदी। आलू के स्वाद को एक अजीब बीमारी खराब कर रही है। दो साल पहले अस्तित्व में आई इस बीमारी से किसान परेशान हैं तो वैज्ञानिक हैरान। इसकी वजह इस बीमारी का इतिहास हिमाचल प्रदेश के इलाकों में पाया जाना है। बीमारी का हल खोजने में सीएसए के सब्जी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। फिलहाल आलू की फसल बचाने के लिए किसानों को प्राकृतिक उपाय सुझाया जा रहा है।
हर घर में आमतौर पर सब्जी में इस्तेमाल होने वाला आलू इस समय स्वाद बिगाड़ने वाली बीमारी से संघर्ष कर रहा है। इस बीमारी से खासतौर पर आलू बेल्ट मानी जाने वाले बिल्हौर, कन्नौज और फर्रुखाबाद के किसान परेशान हैं। वैज्ञानिकों ने इस बीमारी को ‘स्केब’ नाम दिया है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो यह बीमारी आमतौर पर हिमाचल प्रदेश की आलू की खेती में पाई जाती है। वहां की जलवायु में इसे आम समझा जाता है।
अब वैज्ञानिक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वहां के लक्षण यहां आलू की फसल में किस तरह पाए जा रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक इसे माटी की उर्वरक शक्ति की कमी का असर बता रहे हैं। आलू को इससे बचाने के लिए वैज्ञानिक जुटे हुए हैं। इसके साथ ही छह से सात दवाइयों को बनाकर उसे टेस्टिंग के लिए सेंट्रल पोटेटो रिसर्च इंस्टीट्यूट भी भेजा गया है। वहां की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पूरे मामले पर कीट विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. आरके पाल ने बताया कि हाल ही में सामने आई इस समस्या से किसान परेशान हैं।
40 फीसदी फसल खराब
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि फसल पर इस बीमारी के असर से 40 फीसदी तक खेती खराब होती है। खेत में यह दो तरह से वार करती है। पहले तरह में यह आलू को ऊपर से खुदरा व चकत्तेदार बना देती है। इससे बाजार में आलू के पर्याप्त दाम नहीं मिलते हैं। गुणवत्ता खराब हो जाती है।
फिलहाल यह है उपाय
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि फिलहाल यह देखा गया है कि इस बीमारी से ग्रसित खेत में यदि सरसों बोया जाए तो काफी हद तक लाभ मिलता है। यदि किसान खेत में सरसों बोकर उसे छह से सात इंच तक बढ़ने के बाद खेत में दबा देता है तो इस बीमारी के असर से 20 फीसदी तक बचा जा सकता है।