मानचित्र स्वीकृति से पहले लेनी होगी Kanpur Nagar Nigam की NOC, महापौर ने शासन को पत्र लिख जताई थी आपत्ति

 मानचित्र स्वीकृति से पहले लेनी होगी Kanpur Nagar Nigam की NOC, महापौर ने शासन को पत्र लिख जताई थी आपत्ति

कानपुर के पुराने क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृत करने से पहले केडीए को नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेनी होगी। लगभग तीन वर्षों से यह बंद था। जिससे नगर निगम को मलवा, नामांतरण, गृहकर और जलकल राजस्व की हानि हो रही थी।

कानपुर, अमृत विचार। शहर के पुराने क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृत करने से पहले केडीए को नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेनी होगी। लगभग तीन वर्षों से यह बंद था। जिससे नगर निगम को मलवा, नामांतरण, गृहकर और जलकल राजस्व की हानि हो रही थी।

महापौर प्रमिला पांडेय ने कुछ महीनों पहले इसकी शिकायत सीएम को की थी, जिसके बाद मंडलायुक्त ने केडीए और नगर निगम के अफसरों के साथ बैठक कर नये निर्देश जारी कर दिये हैं। नगर निगम को इस मद में करीब दो करोड़ रुपये की सालाना आय बढ़ेगी। 

ऑनलाइन भवन योजना अनुमोदन प्रणाली (ओबीपीएएस) प्रक्रिया में शासन के निर्देश पूरा न करने पर महापौर प्रमिला पांडेय ने मुख्यमंत्री के साथ ही मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र से शिकायत की थी, और मामले में केडीए पर कार्रवाई करने की मांग भी की। शासनादेश है कि भवनों के मानचित्र स्वीकृति करने में पहले नगर निगम की एनओसी ली जाये। लेकिन इसके विपरीत केडीए कार्य कर रहा था।

करीब तीन वर्षों से नियमों का पालन न करने की वजह से अवस्थापना सुविधाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। मलवा शुल्क, नामांतरण, गृहकर और जलकल के रूप में नगर निगम को राजस्व की बड़ी हानि हो रही थी। अब मंडलायुक्त ने केडीए को एनओसी लेने के निर्देश दिये हैं।

पूरी तरह नगर निगम को राहत नहीं

मंडलायुक्त अमित गुप्ता ने निर्देश दिये कि प्राधिकरण को 6.7.2004 के शासनादेश के तहत पुराने निर्मित क्षेत्र में अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने का प्रावधान है। मंडलायुक्त ने केडीए को निर्देश दिये कि महायोजना में चिह्नित पुराने निर्मित क्षेत्र में मानचित्र स्वीकृत करते समय नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी होगा। इसके साथ ही स्वीकृत मानचित्रों की सूची मुख्य नगर नियोजक द्वारा सॉफ्ट प्रति में नगर निगम को भी ईमेल के माध्यम से देनी होगी। नये क्षेत्रों में यह बाध्यता नहीं होगी। 

मंडलायुक्त ने की मध्यस्थता

महापौर ने जब शासन को शिकायत की तो मंडलायुक्त ने दोनों विभागों के बीच मध्यस्थता कर निर्णय निकाला है। नगर निगम के अनुसार कई क्षेत्रों में नगर निगम के फुटपाथ के ऊपर ही निर्माण हो रहे हैं। छज्जा भी बढ़ाया जा रहा है। लेकिन, नगर निगम से एनओसी नहीं ली जा रही है। मलवा शुल्क नहीं जमा करने से नगर निगम को लगातार हानि हो रही है। पूर्व में वीसी ने शुल्क पर रोक लगाई थी। जिसके बाद से ही नगर निगम फिर से मलवा शुल्क वसूलने के लिये प्रयास कर रहा था।

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