लखनऊ: राजधानी के अंत्येष्टि स्थलों का जल्द होगा पुनर्विकास, आधुनिक सुविधाओं से किया जाएगा लैस!
अंत्येष्टि स्थलों के विकास और संचालन के लिए नगर विकास विभाग ने की बैठक
लखनऊ। अन्त्यष्टि स्थलों के विकास, संचालन और अनुरक्षण के लिए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में लखनऊ के प्रमुख अन्त्येष्टि स्थलों, गुलाला घाट, भैसाकुंड और आलमबाग अन्येष्टि स्थलों के पुनर्विकास पर चर्चा की गई। इन अंत्येष्टि स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा, जिसमें श्मशान घाट, स्नानघर, शव वाहन, पार्किंग और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य शहरों के अन्त्येष्टि स्थलों के लिए एक सामान्य नीति तैयार की जाएगी। इस नीति में अन्त्येष्टि स्थलों के विकास, संचालन और अनुरक्षण के लिए मानक तय किए जाएंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि अंत्येष्टि स्थलों का विकास और संचालन पारदर्शी और कुशल तरीके से किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंत्येष्टि स्थलों को स्वच्छ और सुव्यवस्थित रखा जाए। बैठक में लखनऊ नगर निगम के आयुक्त, श्री इंदरजीत सिंह एवं विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में इन मुद्दों पर हुई चर्चा
- गुलाला घाट, भैसाकुंड और आलमबाग अन्येष्टि स्थलों का पुनर्विकास
- अन्य शहरों के अन्त्यष्टि स्थलों के लिए सामान्य नीति का निर्माण
- अन्त्यष्टि स्थलों के विकास, संचालन और अनुरक्षण के लिए मानक तय करना
नगर विकास की विभिन्न परियोजनाओं को मिली स्वीकृति
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य कार्यकारी समिति के मध्य एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत नगर विकास विभाग से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। इस समयानुसार, नगर निगम, गोरखपुर, गाजियाबाद और झाँसी से संबंधित 1-1 परियोजनाओं के लिए लगभग 269.72 करोड़ रुपए की स्वीकृति हुई है।
इसके अलावा, लखनऊ से संबंधित 2 परियोजनाओं के लिए भी संवेदनशीलता प्रदान की गई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से, बाढ़, जल प्लावन, और जल भराव की स्थिति से निजात पाने में सफलता की आशा है। हम उत्तर प्रदेश के नगरों को सुरक्षित और विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।