हल्द्वानी: याद आए जम्मू-कश्मीर के पत्थरबाज, नाम पूछ कर हिंदुओं पर हमला

हल्द्वानी: याद आए जम्मू-कश्मीर के पत्थरबाज, नाम पूछ कर हिंदुओं पर हमला

सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी, अमृत विचार। बनभूलपुरा में मुस्लिम दंगाइयों और पत्थरबाजों ने इंतहा कर दी। इन पत्थरबाजों को देखकर जम्मू-कश्मीर के वो पत्थरबाज जेहन में आ गए, जो चेहरा छिपाकर पत्थर चलाते देखे जाते थे। दोपहर के उजाले में शुरू हुआ पथराव शाम ढलते-ढलते पानी की तरह बरसने लगे। आगजनी कर गलियां बंद की गईं और पुलिस-प्रशासन व पत्रकारों को घेर लिया गया। इसके बाद कौन सा पत्थर कहां से आ रहा था, कुछ पता नहीं चल रहा था। इन दंगाइयों ने नाम पूछ-पूछ कर हिंदुओं को निशाना बनाया। 

करीब साढ़े तीन बजे पुलिस की टीम पीएसी के साथ मलिक का बगीचा में पहुंची और अचानक मुसलमानों की भीड़ भी। विरोध के बीच अवैध मस्जिद और मदरसे को ढहाने की कवायद शुरू हो गई। इस कवायद के साथ पथराव शुरू हो गया, जो होता ही रहा। जैसे-जैसे शाम नजदीक आनी शुरू हुई तो पुलिस भी भांप गई कि अब मुसलमानों से मोर्चा लेना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि हर घर से पत्थर चल रहे थे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और जवाबी पथराव भी किया, लेकिन हालात बिगड़ते गए।

सूरज ढलना शुरू हुआ तो पुलिस और प्रशासन की टीम ने इलाका छोड़ने में भलाई समझी, लेकिन तभी मुसलमान पत्थरबाज हावी हो गए। जान बचाकर भागती पुलिस और प्रशासन की टीम जिस गली से गुजरे, वहां से पत्थरबाजों ने उन्हें निशाना बनाया। जो पीछे छूट गए, उन्हें दंगाइयों ने पकड़ लिया और हिंदू नाम होने पर उन्हें मरणासन्न कर डाला। अमृत विचार के पत्रकार संजय कनेरा और एक अन्य पत्रकार कुलदीप रौलेता के साथ ऐसा ही हुआ।   

क्या महिलाएं और क्या बच्चे, हर हाथ में पत्थर
हल्द्वानी : चार घंटे से अधिक वक्त तक लगातार पथराव चला। हर घर से पुलिस-प्रशासन पर पत्थर बरस रहे थे। क्या महिलाएं और क्या बच्चे, हर हाथ में पत्थर था। मकानों की तीन मंजिल पर खड़ी महिलाएं न सिर्फ पत्थर चला रही थीं, बल्कि काट डालने को धमका रही थीं। 

गूंजता रहा नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हू अकबर, 'सिंघम' कुछ नहीं कर पाए
हल्द्वानी : बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने भाकुनी ने अपनी छवि सिंघम की तरह बना रखी है, लेकिन भीड़ में सबसे पहले घिरने वाले भी वही थी। वो नाराज भीड़ को समझा नहीं पाए और फिर उन्हें ही पीछे हटना पड़ा। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने स्लाइडिंग बैरियर लगाए थे ये मूर्खता थी। इतना ही वहां जमीन पर ही चारों ओर पत्थर ही पत्थर बिखरे थे। इन पत्थरों को हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन हटाया नहीं गया। भीड़ का नेतृत्व कर रहे अरसद और तस्लीम ने नीरज भाकुनी को घेर रखा था। भारी भीड़ तंग गलियों में खड़े लोगों को उकसा रही थी। कुछ ही देर में नारा-ए-तकबीर अल्लाह हू अकबर के नारे गूंजने लगे।  

सीने पर चला दो एके47, नहीं टूटने देंगे मस्जिद-मदरसा
हल्द्वानी : भले ही नजूल की जमीन पर मस्जिद और मदरसा बना हो, लेकिन मुस्लिम इसे अपना हक मान बैठे हैं। भीड़ जब बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी को घेरे हुए थी, तब भीड़ के बीच से ही लोग पुलिस को चैलेंज कर रहे थे। कह रहे थे कि तुम एके-47 लेकर आए हो तो हमारे सीने पर चला, लेकिन मदरसा और मस्जिद किसी कीमत पर नहीं टूटने देंगे। 

गूंजता रहा नारा-ए-तकबीर, अल्लाह हू अकबर, 'सिंघम' कुछ नहीं कर पाए
हल्द्वानी : बनभूलपुरा थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने भाकुनी ने अपनी छवि सिंघम की तरह बना रखी है, लेकिन भीड़ में सबसे पहले घिरने वाले भी वही थी। वो नाराज भीड़ को समझा नहीं पाए और फिर उन्हें ही पीछे हटना पड़ा। भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने स्लाइडिंग बैरियर लगाए थे ये मूर्खता थी। इतना ही वहां जमीन पर ही चारों ओर पत्थर ही पत्थर बिखरे थे। इन पत्थरों को हटा दिया जाना चाहिए था, लेकिन हटाया नहीं गया। भीड़ का नेतृत्व कर रहे अरसद और तस्लीम ने नीरज भाकुनी को घेर रखा था। भारी भीड़ तंग गलियों में खड़े लोगों को उकसा रही थी। कुछ ही देर में नारा-ए-तकबीर अल्लाह हू अकबर के नारे गूंजने लगे।