रायबरेली: इस बार लगता है मार डालेगी ये सर्दी!, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी जिले को कंपा रही, हवा चलने से और बढ़ी गलन

रायबरेली। मौसम ने एक बार फिर 24 घंटे के भीतर पलटी मारी है। सोमवार को खिली धूप निकलने से लोगों को सर्दी से फौरी राहत मिली थी लेकिन मंगलवार सुबह से ही मौसम खराब हो गया। घना कोहरा पड़ने के साथ पूरे दिन धूंध छाई रही। लोग सर्दी से परेशान रहे। हवा चलने से रात में कंपकंपी बढ़ गई है। साथ ही पाला भी मड़ रहा है। मौसम विभाग ने बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है।
मंगलवार को जिले में कड़ाके की सर्दी पड़ी। पहले लगातार मौसम खुल नहीं रहा था तो लोग परेशान थे वहीं सोमवार को मौसम खुला तो लगा कि सर्दी का असर कम होने लगेगा लेकिन पश्चिमी विक्षोभ सक्रीय होने के साथ पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदान तक फिर पहुंच गया है। जिस कारण मंगलवार सुबह घना कोहरा पड़ा तो दोपहर में धुंध छाई रही। इस दौरान सुबह के समय दृश्यता 10 मीटर रही। बीच में कुछ देर के लिए हल्की धूप निकली लेकिन उसके बाद बदली होने से मौसम खराब हो गया। जिस तरह से मौसम में उतार-चढ़ाव है उससे लोगों को सर्दी सितम सरीखी लग रही है।
वहीं पूर्व में बारिश भी हो चुकी है। जिले में अब तक 8 एमएम बारिश हो चुकी है। पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से मैदानी भागों में सर्दी का जोर बढ़ गया है। अभी मौसम के इसी तरह के बने रहने के आसार हैं। हालांकि तापमान में बहुत अधिक कमी नहीं है लेकिन अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर कम है। इस कारण गलन के साथ बारिश की संभावना बनी है। नमी का प्रतिशत तेजी से बढ़ रहा है। हाल यह है कि कमरों में एसी जैसी ठंडक मिल रही है। लोग सर्दी से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। पाला पड़ने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खिंच रही हैं। आलू की फसल को इससे अधिक नुकसान होने की संभावना है। आलू को फंफूदी रोग लगने लगा है। किसानों को गर्म राख खेत में डालने की सलाह दी गई है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 8 डिग्री रहा। मौसम विभाग के विशेषज्ञ अजय मिश्रा का कहना है कि आने वाले दिनों में कोहरा पड़ेगा और तापमान में भी गिरावट दर्ज हो सकती है। साथ ही बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है।
वायुमंडल की ऊपरी सतह पर तापमान शून्य से कम
मौसम विभाग का कहना है कि पूरे जिले में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। असल में वायुमंडल की ऊपरी सतह पर तापमान शून्य से नीचे है जिस कारण कोहरा होने के साथ जब कभी हल्की धूप निकलती है तो डयू ड्रापलेट बनते हैं जो ओलावृष्टि की स्थिति को बना रहे हैं। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 10 डिग्री का अंतर होते ही बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना बन रही है।
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