रामनगर: रिजॉर्ट मैनेजर की गिरफ्तारी पर रामनगर पुलिस पर अवमानना की लटकी तलवार

रामनगर: रिजॉर्ट मैनेजर की गिरफ्तारी पर रामनगर पुलिस पर अवमानना की लटकी तलवार

रामनगर, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने टाइगर कैम्प रिजॉर्ट के मैनेजर राजीव शाह की गलत तरीके से की गई एफआईआर और गिरफ्तारी के मामले में  कोतवाल और गर्जिया चौकी इंचार्ज  और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका में डीजीपी उत्तराखंड और राज्य के प्रमुख सचिव गृह को अदालत में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस पर तलब किया है।

राजीव शाह के अधिवक्ता दुष्यन्त मैनाली ने अदालत को बताया कि 29 नवम्बर को दोपहर में पुलिस द्वारा शाह से रिजॉर्ट में फ्री कमरे देने के लिए दबाव बनाया गया पर पूरा रिजॉर्ट शादी में बुक होने के कारण उनके द्वारा रूम देने में असमर्थता जाहिर की जिस पर पुलिसकर्मी जबकि पूर्व में भी कोतवाल द्वारा फ्री रूम मांगे गए हैं, जिसके कॉल व मेसेज के प्रमाण भी कोर्ट को दिए गए। जिसके बाद दुर्भावना से उसी रात कोतवाल के आदेश पर पुलिस द्वारा रिजॉर्ट में चल रहे शादी समारोह के बाद छापा मार कर फर्जी तरीके से शराब की 10 खाली बोतल और एक आधी भरी बोतल बरामद दिखाकर उन्हें अकारण गिरफ़्तार कर लिया गया।

जबकि पूरा रिजॉर्ट उस दिन शादी में बुक था और कैटरिंग व्यवस्था आयोजक के व्यक्ति की ही थी। गिरफ्तारी के बाद रात भर उन्हें थाने में  बिठाकर सुबह खतरनाक अपराधियों की तरह अभिरक्षा में उनका फ़ोटो मीडिया को जारी किया गया और रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया। जबकि आबकारी अधिनियम के ऐसे अपराध के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के मुताबिक सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। सितम्बर में इस सम्बंध में हाईकोर्ट द्वारा डीजीपी और गृहसचिव को सर्कुलर भी जारी किया गया था और जमानतीय अपराधों में नागरिकों को बिना नोटिस सीधे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।

इन्हीं दिशानिर्देश की दुर्भावना से अवमानना के लिए रामनगर कोतवाल अरुण सैनी, गर्जिया चौकी इंचार्ज प्रकाश पोखरियाल और एसआई दीपक बिष्ट के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने मामले को पुलिस उत्पीड़न का गंभीर मामला मानते हुए मंगलवार को सुनवाई में उच्च अधिकारियों को तलब किया है।