Cyber Fraud: जो जितना डिजिटल, उसके पीछे उतने साइबर क्रिमिनल… प्रदेश में करीब दस फीसदी साइबर अपराध शहर में होता

प्रदेश में करीब दस फीसदी साइबर अपराध शहर में होता है।

Cyber Fraud: जो जितना डिजिटल, उसके पीछे उतने साइबर क्रिमिनल… प्रदेश में करीब दस फीसदी साइबर अपराध शहर में होता

प्रदेश में करीब दस फीसदी साइबर अपराध शहर में होता है। हर थाने में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।

कानपुर, अमृत विचार। साइबर क्राइम जुर्म का एक ऐसा जाल है, जिससे डिजिटल होती दुनिया में हर कोई कहीं भी और किसी समय शिकार बन सकता है। इसमें फोन, मैसेज, ओटीपी, वीडियो चैट, निजी डेटा की चोरी के जरिए अपराधी अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2021 के 8,829 के मुकाबले वर्ष 2022 में साइबर क्राइम के 10,117 मामले दर्ज किए गए। इनमें अधिकतर मामले लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नोएडा में सामने आए। कानपुर में साइबर क्राइम का आंकड़ा एक हजार से ऊपर रहा। 

ऑनलाइन शॉपिंग हो या ऑनलाइन पेमेंट डिजिटल लेनदेन में बढ़ोत्तरी के साथ ही  साइबर फ्राड के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे है। यही वजह है कि नेशनल साइबर ट्रेनिंग सेंटर शहर में बढ़ते साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए साइबर अपराध और उसकी विवेचना को लेकर ऑन लाइन ट्रेनिंग दे रहा है। कमिश्नरेट पुलिस का लक्ष्य हर थाने से इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाना है।

करीब 100 पुलिस कर्मी अब तक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। 237 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण दिलाने की जररूत इसलिए भी है क्योंकि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2022 में साइबर क्राइम के दर्ज हुए कुल केसों में 45 प्रतिशत मामलों में ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए जा सके हैं।

साइबर क्राइम की श्रेणी के अनुसार बीते वर्ष प्रदेश में 37 मामले आपसी रंजिश, 108 मामले गुस्से के कारण, 4,506 धोखाधड़ी के लिए, 1,250 वसूली के लिए, 883 छवि धूमिल करने, 542 योन शोषण और 58 मामले प्रैंक (मजाक) करने की वजह से अंजाम दिए गए थे।

पोर्नोग्राफी के 450 मामले दर्ज हुए थे। यह तस्बीर तब है, जबकि साइबर क्राइम के बहुत से मामले रिपोर्ट ही नहीं होते हैं। ऐसे मामलों में सेक्स प्रताड़ना के केस ज्यादा हैं। साइबर अपराधी लगातार चालाकी से लोगों को ठगने के नए-नए पैंतरे और तरीके ईजाद कर रहे हैं। 

इस तरह करें बचाव, रहें सुरक्षित

हेल्पलाइन नंबर 1930 टोल-फ्री हेल्पलाइन है, जो साइबर क्राइम की घटनाएं रिपोर्ट करती है। 

  1. अपना पर्सनल डेटा किसी को शेयर न करें
    2. पैन कार्ड, आधार, डेबिट और क्रेडिट कार्ड का पिन, कार्ड नंबर शेयर न करें 
    3. किसी भी ऑफर या लुभावने लिंक पर क्लिक न करें4.  अलग-अलग अकाउंट के लिए हमेशा अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें

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