Kanpur में डिजिटल ठगी का मामला: आरबीआई गर्वनर बोल रहा हूं, जल्द रुपये की व्यवस्था कर लेना...कहकर NRI डॉक्टर से ठगे 80 लाख

काकादेव थानाक्षेत्र का मामला, पीड़ित ने साइबर सेल में की मामले की शिकायत

Kanpur में डिजिटल ठगी का मामला: आरबीआई गर्वनर बोल रहा हूं, जल्द रुपये की व्यवस्था कर लेना...कहकर NRI डॉक्टर से ठगे 80 लाख

कानपुर, अमृत विचार। काकादेव थानाक्षेत्र में एक एनआरआई डॉक्टर के साथ 80 लाख की ठगी का मामला सामने आया। साइबर फ्रॉड ने पीड़ित को फोन किया और कहा हैलो मैं आरबीआई गर्वनर बोल रहा हूं, आपके खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का केस चल रहा है। अभी आपको सीबीआई का लेटर भेज रहा हूं, देख लेना। 

जल्द रुपये की व्यवस्था कर लेना, नहीं तो सारी प्रापर्टी सीज कर दूंगा। शातिर ने उन्हें करीब पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठगी का एहसास होने पर डॉक्टर के भतीजे ने मामले की शिकायत साइबर सेल में की। पीड़ित की रिपोर्ट दर्जकर साइबर सेल की क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है। 

काकादेव के गीता नगर निवासी संजय टंडन के अनुसार अमेरिका से लौटे 85 वर्षीय चाचा डॉक्टर रमेश चंद्र टंडन उनके साथ रहते है। 26 अगस्त को चाचा के मोबाइल पर वाट्सएप पर कॉल आई। जिसने खुद का नाम अजय बंसल बताते हुए बोला कि आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लान्ड्रिंग का केस चल रहा है। 

जिसकी जांच सीबीआई कर रही है, जिसके जांच अधिकारी आईपीएस राहुल यादव है। वहीं जांच से जुड़े पत्र में सीबीआई अफसर विराज कुमार लिखा हुआ था। उसने कहा कि आपका बैंक अकाउंट सत्यापित किया गया। इस संबंध में आपको बैंक जाना होगा। जब चाचा ने अपनी उम्र बताते हुए चलने-फिरने में असमर्थता जताते हुए उनके साथ संयुक्त खाता होने की जानकारी दी। जिसके बाद 27 अगस्त को दोबारा कॉल आई। 

इस दौरान उनसे कहा गया कि बिना फोन काटे बैंक पहुंचो। उनके पास आरबीआई का एक पत्र भेजा गया। जिसमें जांच तक रकम सरकार के अधीन रहने की बात बोली गई। जिसके बाद खाते में जमा धनराशि का 30 प्रतिशत 25.43 लाख रुपये विन पावर एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में चेक से जमा कराया। 28 अगस्त को सीबीआई जांच अधिकारी बनकर किसी ने फोन किया। दोबारा भारत सरकार लिखा हुआ पत्र भेजकर 30 प्रतिशत राशि यानी 25.43 लाख रुपये फ्रोजेनमन वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक के खाते में जमा कराया। 

29 अगस्त को काल कर 30 लाख रुपये चेक से ट्रांसफर करवाये। साइबर ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए 30 अगस्त को सीबीआई और एफबीआई के नाम से जांच पत्र जारी कर कुल रकम 80.86 लाख में से 2.70 लाख रुपये मेडिकल अलाउंस के नाम पर वापस किए। उसके बाद साइबर ठगों ने तीन सितम्बर को वाट्सएप काल कर न्यूयार्क सिटी बैंक में जमा धनराशि का 50 प्रतिशत मांगा। 

साथ ही ऐसा नहीं करने पर 80 लाख रुपये सीबीआई द्वारा जब्त करने की बात की। साइबर ठग ने खुद को आरबीआई का गर्वनर बताते हुए उन पर दबाव बनाकर एसबीआई के खाते से रकम ट्रांसफर करने को बोला। 

ऐसा नहीं करने पर उनकी चल-अचल संपत्ति सीबीआई के द्वारा जब्त करने की धमकी देने लगा। तब उन्हें अपने साथ हुई ठगी होने का संदेह हुआ। उसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से की। जिन्होंने तत्काल साइबर सेल को मामले की एफआईआर कर जांच करने के आदेश दिए। क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है।

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