प्रयागराज: धार्मिकता की आड़ में दुष्कर्म करने वाला आरोपी जमानत का हकदार नहीं
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म आरोपी एक ओझा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि आरोपी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है, क्योंकि उस पर धार्मिकता की आड़ में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है, साथ ही एक सम्मानित पद पर होने के बावजूद उसने अपने पद का दुरुपयोग किया है, जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
मामले के अनुसार पीड़िता के खराब स्वास्थ्य के कारण उसके पिता (शिकायतकर्ता) ने अपने नजदीकी रिश्तेदार याची (हनुमान राम) को उसके इलाज के लिए आमंत्रित किया। याची ने धार्मिक समारोह के बहाने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया।
इसके बाद उसके खिलाफ 13 जुलाई 2023 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और पोक्सो एक्ट की धारा 3/4(2) के तहत पुलिस स्टेशन बलुआ, चंदौली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। हालांकि आरोपी के अधिवक्ता का कहना है कि उसके खिलाफ आरोप झूठे और निराधार हैं।
शिकायतकर्ता ने उस पर केवल इसलिए आरोप लगाए हैं, क्योंकि अभियुक्त से लिए गए लोन को लेकर दोनों में कुछ विवाद हो गया था। अंत में कोर्ट ने याची के ओझा होने के नाते धार्मिक उपचार प्रदान करने की आड़ में पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने के आरोप को देखते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।