बदायूं: करंट की चपेट में आई युवती का काटना पड़ा था हाथ, अब बिजली विभाग को देना होगा 10 लाख

स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष और सदस्यों ने सुनाया फैसला

बदायूं: करंट की चपेट में आई युवती का काटना पड़ा था हाथ, अब बिजली विभाग को देना होगा 10 लाख

बदायूं, अमृत विचार। स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष कालीचरण ने चार साल पहले दायर की गई याचिका को स्वीकार किया है। मध्यांचल विद्युत निगम लिमिटेड को याचिनी को 10 लाख रुपए और सात प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ रुपये एक महीने में देने का आदेश दिया है। 10 साल पहले बिजली विभाग की लापरवाही से याचिनी पूजा का हाईवोल्टेज लाइन की चपेट में आकर झुलस गई थी। जिसके बाद उसका हाथ तक काटना पड़ा था। 

दरअसल हादसे के बाद याचिनी पूजा ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम पीठ बरेली में याचिका दायर की थी। साल 2016 में 10 लाख रुपए 8 प्रतिशत ब्याज की दर से देने का आदेश पारित हुआ। जिसके विरोध में मध्यांचल वितरण निगम ने लखनऊ में अपील दायर कर आदेश को साल 2018 में पलटवा दिया। लखनऊ के अपील न्यायालय में यह आदेश किया था कि याचिनी अपनी याचिका सक्षम न्यायालय में नई तरीके से दायर कर सकती हैं। तब याचिनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से स्थाई लोक अदालत में साल 2020 में याचिका 18 लाख रुपए दिलाने के लिए दायर की। शुक्रवार को स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष कालीचरण व सदस्य राकेश कुमार रस्तोगी और स्वदेश कुमारी ने याचिनी के अधिवक्ता व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद विपक्षी मध्यांचल वितरण निगम को याचिनी को दस लाख रुपए सात प्रतिशत के सालाना ब्याज दर से देने का आदेश दिया है। रुपये धनराशि एक महीने के भीतर दी जाएगी।

ये था पूरा मामला
दातागंज तहसील क्षेत्र के गांव साबित गंज निवासी पूजा पुत्री महेंद्र पाल ने न्यायालय में याचिका दायर करते हुए बताया कि 19 जुलाई 2014 को उनके पिता खेत पर कार्य कर रहे थे। सुबह आठ बजे के करीब वह खाना देने खेत पर गईं थीं। खेत के रास्ते में विद्युत विभाग की 11000 की हाई वोल्टेज के तार जमीन तक झूल रहे थे। वह तारों के संपर्क में आ गईं और उसे करंट लग गया। जिससे पूजा का दाहिना हाथ पूरी तरह से झुलस गया। साथ ही बांया हाथ भी जला। उन्हें चिकित्सक के पास ले जाया गया। जीवन बचाने के लिए इलाज के दौरान कंधे से नीचे दाहिना हाथ काटना पड़ा। जिससे याचिनी अस्सी प्रतिशत दिव्यांग हो गई थी।

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