बरेली: मरीजों को जबरन प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने पर अफसर तत्काल लगाएं रोक
एंबुलेंस चालक दबाव डालकर निजी अस्पताल में रोगियों को करा रहे भर्ती, मामला संज्ञान में आने पर डीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश
बरेली, अमृत विचार। जिला स्वास्थ्य समिति की शुक्रवार को विकास भवन सभागार में हुई बैठक में रामनगर समेत कई ब्लॉकों में टीकाकरण की स्थिति अच्छी नहीं पाई गई। समीक्षा में टीकाकरण की खराब प्रगति को देखकर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार नाराज हो गए। उन्होंने अफसरों को प्रगति में सुधार लाने के आदेश दिए। बैठक में डीएम ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि प्राइवेट एंबुलेंस के चालक रोगियों को प्राइवेट अस्पतालों में उनकी मर्जी के बिना दबाव डालकर भर्ती कराते हैं। यह किसी भी सूरत में सही नहीं है। इस पर तत्काल रोक लगने की जरूरत है।
डीएम ने अफसरों को निर्देशित किया कि तत्काल इसे रोकने के लिए एंबुलेंस चालकों और आईएमए को पत्र लिखा जाए। रोगियों को उनकी मर्जी के बिना प्राइवेट अस्पताल में न भर्ती कराया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 336 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बिजली कनेक्शन हो चुका है। नियमित टीकाकरण की समीक्षा में रामनगर, फरीदपुर, पीर बहोड़ा, नदौसी, घेर जाफर खां की प्रगति खराब होने पर उन्होंने नाराजगी जताई।
डीएम को बताया गया कि जिले में टीवी के 15151 रोगी चिह्नित किए गए हैं, जो लक्ष्य से ज्यादा हैं। सभी का एचआईवी टेस्ट भी कराया गया है। डीएम ने सभी चिह्नित रोगियों के खाते में सरकार से निर्धारित धनराशि आगामी बैठक से पहले भेजने के आदेश दिए। आरसीएच पोर्टल की फीडिंग की समीक्षा कर स्थिति में सुधार लाने के आदेश दिए। बताया गया कि डिप्थीरिया के साल भर में 46 केस मिले हैं। इस पर डीएम ने बढ़ते हुए मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने संस्थागत प्रसव, जननी सुरक्षा योजना, मातृ मृत्यु दर की समीक्षा करते हुए रिछा, बहेड़ी, शेरगढ़, भुता के एमओआईसी को स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए। सीडीओ जग प्रवेश, सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह, डीआईओएस देवकी सिंह, बीएसए संजय सिंह, डीपीआरओ धर्मेन्द्र कुमार आदि मौजूद रहे।
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