Bareilly: हटाई जाएगी 100 साल पुरानी मस्जिद, सितारगंज फोरलेन प्रोजेक्ट में बनी अड़चन
मस्जिद हटाने का विरोध कर रहे लोग अब दूसरी जगह निर्माण कराने पर माने
राकेश शर्मा, बरेली। सितारगंज फोरलेन प्रोजेक्ट में अब सौ साल पुरानी एक मस्जिद अड़चन बन गई है। पीलीभीत रोड पर गांव लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर के पास स्थित इस मस्जिद को सड़क को चौड़ा करने के लिए हटाने की कवायद शुरू हो गई है। गांव के लोग मस्जिद को दूसरी जगह पुनर्स्थापित कराने की मांग कर रहे हैं। इसके बाद एनएचएआई के डिप्टी जीएम (तकनीकी) ने मस्जिद के दूसरी जगह निर्माण के लिए विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी को जमीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा है।
नवाबगंज तहसील के गांव लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर में गाटा नंबर 389 पर गांव से लगी हुई मस्जिद नेशनल हाईवे के रोड नंबर 30 के किनारे है जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 1213 है। इस मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज भी अदा की जाती है। ये मस्जिद सितारगंज फोरलेन प्रोजेक्ट के रास्ते में आ रही है, लिहाजा उसे हटाने की तैयारी है। गांव के लोग पहले मस्जिद को हटाने का विरोध कर रहे थे लेकिन बाद में उसे दूसरी जगह पुनर्स्थापित करने पर मान गए। गांव के मोहम्मद इमरान समेत कई लोगों ने 16 दिसंबर 2024 को एनएचएआई के परियोजना निदेशक को लिखकर दिया कि अगर प्रशासन दूसरी जगह मस्जिद का निर्माण कराता है तो उन्हें इस मस्जिद के अधिग्रहण पर कोई आपत्ति नहीं होगी।
इसी पत्र में बताया गया है कि लभेड़ा उर्फ बुलंदनगर में ही नेशनल हाईवे के किनारे ग्रामसभा के गाटा नंबर 77 पर 0.1930 हेक्टेयर भूमि खाली पड़ी है और उसका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। यह जमीन मस्जिद को पुनर्स्थापित करने के लिए उपयुक्त रहेगी, इस पर ग्राम सभा और गांव के लोगों को कोई आपत्ति भी नहीं है लेकिन इसके लिए ग्राम सभा की ओर से प्रस्ताव पारित होना जरूरी है। पत्र में मांग की गई है कि ग्राम प्रधान और हल्का लेखपाल को जल्द ग्राम सभा की बैठक बुलाने का आदेश दिया जाए ताकि इस जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव परियोजना अधिकारी को भेजा जा सके।
एनएचएआई ने मस्जिद के पुनर्निर्माण के एस्टीमेट के साथ भूमि अध्याप्ति अधिकारी को भेजा पत्र
मस्जिद को हटाने के मुद्दे पर एनएचएआई के उप महाप्रबंधक तकनीकी पंकज यादव ने सक्षम अधिकारी/विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (संयुक्त संगठन) को पत्र लिखा है। इसमें गांव लभेड़ा के लोगों की मांग का जिक्र करते हुए कहा है कि नेशनल हाईवे-74 के फोरलेन प्रोजेक्ट से प्रभावित मस्जिद का दूसरी जगह पुर्ननिर्माण कराया जाना है। उन्होंने गांव के लोगों के पत्र का संज्ञान लेते हुए मस्जिद के नवनिर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने के लिए यथोचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पत्र के साथ मस्जिद को विस्थापित करने का एस्टीमेट भी भूमि अध्याप्ति अधिकारी को भेजा गया है।
एडीएम प्रशासन के स्तर पर होगा अंतिम फैसला
मस्जिद के लिए दूसरी जमीन उपलब्ध कराने के मामले में एडीएम प्रशासन के स्तर पर अंतिम फैसला लिया जाना है। लिहाजा विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (संयुक्त संगठन) आशीष कुमार ने एनएचएआई के डीजीएम तकनीकी के पत्र का जिक्र करते हुए मामला एडीएम प्रशासन को भेज दिया है। 30 दिसंबर को लिखे पत्र में एडीएम से फोरलेन के चौड़ीकरण से प्रभावित मस्जिद के नवनिर्माण के संबंध में आगे की कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
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