chandra grahan 2023 : 4 बजे के बाद बंद हो जायेंगे मंदिरों के कपाट, हरि नाम का होगा जाप
लखनऊ, अमृत विचार। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण आज शनिवार रात से लगने जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रग्रहण का स्पर्श 28 अक्टूबर की रात में 1 बजकर 25 मिनट पर होगा। मध्य रात में 1 बजकर 44 मिनट पर होगा तथा इसका मोक्ष रात्रि 02 बजकर 24 मिनट पर होगा। बता दें कि चंद्रग्रहण का सूतक काल अब से तकरीबन 30 मिनट बाद शाम 4 बजे से लग जायेगा। इस अवधि के बाद से मंदिरों के कपाट बंद हो जायेंगे। आचार्यों के अनुसार ग्रहण की अवधि में भोजन करने के अलावा कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। ज्योतिषियों ने ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियों को बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।
ग्रहण काल के दौरान सांध्य आरती नहीं की जाएगी। हालाँकि लोग घरों और मंदिरों में हरि नाम का जाप कर सकते हैं। आज ही शरद पूर्णिमा भी है। ऐसे में ज्यादातर आचार्य घरों में प्रसाद के रूप में चन्द्रमा की छाया के नीचे खीर रखने को भी स्वीकृति नहीं दे रहे हैं। जबकि कुछ का मत है कि यदि खीर सूतक काल से पहले तैयार कर ली गई है तो उसे कुश और तुलसी दल डालकर रसोई में रखा जा सकता है। ग्रहण का सूतक काल समाप्त होने के बाद भोर सुबह 4 बजे उसे चन्द्रमा की छाया में रखा जा सकता है। गौरतलब है कि ग्रहण को अपशकुन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस काल में आसुरी शक्तियां प्रबल होती हैं,जिनसे बचने के लिए स्वयं देवता भी भागते हैं।
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