बरेली: किसानों की फसल हुई बर्बाद क्षति-पूर्ति की मांग 

बरेली: किसानों की फसल हुई बर्बाद क्षति-पूर्ति की मांग 

 बरेली, अमृत विचार। खराब मौसम की मार से कई किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है। अधिकांश जनपदों में तो खरीफ की फसले बोई ही नही जा रही है।अधिकतर जनपदों व क्षेत्र में सूखे की स्थिति है तो कही बाढ़ इसी तरह किसानों की तमाम समस्याओं को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति दल के पदाधिकारियों ने आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को दिया।

इस दौरान किसानों की समस्या बताते हुए पदाधिकारियों ने बताया कि भारत वर्ष एक कृषि प्रधान देश है। अधिकतर किसान लघु सीमांत श्रेणी के है जिनकी जीविका कृषि पर आधारित है। जो अपने परिवारजनों के साथ पुश्तैनी कृषि भूमि में कार्य करके अपना तथा पूरे परिवार का भरण पोषण करते है।

जिन क्षेत्रों जनपदों में खरीफ फसले की बुवाई सूखे के कारण नही हो पाई है या तो बोई ही नही गयी फसले सूख गयी है वहां सर्वे कराकर किसानों को प्रतिबीघा 25000/-रूपये मात्र की दर से क्षतिपूर्ति दिया जाये।

साथ ही बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में भी क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा 25000  रूपये प्रतिबीधा अविलंब देकर राहत दी जाये। सूखे तथा बाढ़ ग्रस्त दोनो किसानों की कार्यशैली पूंजी समाप्त हो चुकी है।

अतः बैकों द्वारा लिया गया कर्ज (के०के०सी०) तथा सहकारी बैंकों द्वारा लिया गया फसली ऋण सूद सहित माफ किया जाये। छ. एकड़ (2.5 हेक्टेयर 9 तक के सि को बीपीएल की सूची में रखा जाये और उन्हें गरीबी रेखा के नीचे वाली सभी सुविधाये दी जाये।  गन्ने का भाव 400/-रुपये प्रति दिन किया जाये तथा भुतान 14 दिन के अन्दर दिया जाये।

खेती के लिये बिजली फ्री दिया जाय उत्तर प्रदेश में विगत दिनों कृषि हेतु बिजली फ्री करने की घोषणा की गयी थी परन्तु अभी तक उसके सम्बन्ध में शासनादेश जारी नही किया गया इस सम्बन्ध हेतु शासनादेश अविलंब जारी किया जाये।

 साथ ही दुर्घटनाग्रस्त किसानों के परिवार रजिस्टर की नकल के अनुसार क्षतिपूर्ति प्रदान की जाये क्योंकि किसान परिवार के सदस्य संयुक्त रूप से जीवन यापन करते है। 50 वर्ष के ऊपर के प्रत्येक किसान को प्रतिमाह 6000/- रुपये पेंशन दिया जाये ताकि वह अपना भरण पोषण स्वय कर सके उसे परिवार के सहारे जीवन ना गुजारना पड़े।किसान आयोग का गठन किया जाये किसान की भी आय सुनिश्चत की जाये।

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