अयोध्या: महिला दीवान पर जानलेवा हमले के मामले में संदिग्धों की पहचान और ब्यौरे तलाश रहीं एजेंसियां
अयोध्या, अमृत विचार। सावन मेला के दौरान मनकापुर से अयोध्या आ रही सरयू एक्सप्रेस में 30 अगस्त की भोर मेला ड्यूटी में तैनात महिला दीवान पर जानलेवा हमले के मामले में तमाम सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को लगाए जाने के बावजूद अभी तक न तो घटना का मोटिव मिल पाया है और न ही वारदात करने वालों का कोई स्पष्ट सुराग।
फिलहाल एसटीएफ समेत एजेंसियों को दो युवकों पर वारदात में शामिल होने का शक है और इसी के चलते इन दोनों की फोटो जारी की गई है तथा हमलावरों का सुराग देने वाले को एक लाख रूपये इनाम देने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि मेला ड्यूटी पर हनुमानगढ़ी आ रही सुल्तानपुर के नगर कोतवाली में तैनात मूल रूप से प्रयागराज निवासी महिला दीवान सुमित्रा पटेल अयोध्या स्टेशन पर बोगी नंबर तीन में सीट के नीचे अर्धनग्न और बेहोशी की हाल में घायल मिली थी। प्रकरण में हाई कोर्ट की ओर से खुद मामला संज्ञान में लिए जाने के बाद अनावरण में सहयोग के लिए एसटीएफ तथा अन्य एजेंसियों को लगाया गया था।
एसटीएफ ने पीड़िता के इतिहास और विवाद को खंगालने के साथ मनकापुर से लेकर सुल्तानपुर तक छानबीन की और सर्विलांस आदि की मदद से तमाम संदिग्धों को तलाशा तथा एक-एक के बारे में तहकीकात की। तहकीकात के दौरान लगभग लोगों के नाम-पते और क्रियाकलाप की एजेंसियों ने तलाश कर ली, लेकिन दो शख्स ऐसे मिले हैं जिनकी शिनाख्त अभी नहीं हो पा रही है।
संदिग्धों में दोनों ने पिठ्ठू बैग टांग रखा है और रेलवे स्टेशन से मिले फुटेज में एक लंगड़ाते हुए चलता दिखा है। पहले तो इन दोनों के बावत एजेंसियों ने इलेक्ट्रनिक सर्विलांस की मदद से पहचान और ब्यौरा तलाशने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। उधर जीआरपी पुलिस की प्राथमिक लापरवाही के चलते जाँच में जुटी एजेंसियों को घटनास्थल से भी महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं।
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