मध्यप्रदेश में भारी बारिश, नदी नाले उफान पर, स्कूलों में अवकाश घोषित

मध्यप्रदेश में भारी बारिश, नदी नाले उफान पर, स्कूलों में अवकाश घोषित

झाबुआ/ रतलाम। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में पिछले 24 घंटों से रही भारी बारिश के चलते जिले के नदी नाले उफान पर हैं और आज सुबह रेल यातायात भी बाधित हुआ है।
सूत्रों के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटों से बारिश क्रम जारी है।

जिले की माही, अनास, पंम्पावती, पदमावर्ती, नौगांवा, सुनार आदि नदियां उफान पर हैं। क्षेत्र के कई नालों पर बने रपटों के ऊपर से पानी बह रहा है। माही नदी के 8 गेट खोले गए हैं। भारी बारिश को देखते हए जिला कलेक्टर तन्वी हुडा ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं।

कलेक्टर ने कक्षा पहली से लगाकर 12वीं कक्षा तक के सभी सरकारी तथा गैर सरकारी विद्यालयों में आज का अवकाश घोषित किया गया है। आज सुबह जिले में रतलाम मंडल के दिल्ली-मुबंई रेलमार्ग पर अमरगढ रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक पहाड का कुछ भाग टूटकर रेलवे ट्रेक पर गिरा गया।

इससे वहां से गुजर रही दर्शन सुपरफास्ट ट्रेन का इंजन बेपटरी हो गया। सूचना मिलने पर रतलाम रेलवे का बचाव दल मौके पर पहुंचा। किसी प्रकार की जनहानी नहीं हुई है। लेकिन इस मुख्य रेल मार्ग पर यातायात बाधित हुआ और कई ट्रेनाें को रोकना पडा।

भू अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में झाबुआ मेें 83.4 मिमी, रामा में 91.3 मिमी, रानापुर में 69 मिमी, मेघनगर में 63 मिमी, थांदला में 93.2 मिमी तथा पेटलावद में 152.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जिले में आज तक कुल औसत बारिश 756.33 मिमी दर्ज की गई है। जिले में इस बारिश के बाद नदी नाले भर गये हैं और लोगों एवं किसानों ने राहत की सांस ली है। 

ढोलावड बांध के सभी गेट खुले, पानी की आवक जारी 
रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में हो रही तेज बारिश के चलते अब ढोलावाड बांध जलाशय के सभी छह गेट आज खोल दिए गए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जल संसाधन विभाग के अधिकारी बांधी की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

तेज बारिश का नतीजा है कि चार घंटों के भीतर बांध के सभी गेट खोलना पड़े। जिले में 24 घंटों में बाजना क्षेत्र में दस इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इसका सीधा असर ढोलावाड बांध के जलभराव पर पडा।

बांध का जलस्तर 395 मीटर से अधिक होने पर इसके गेट खोले जाने का प्रोटोकाल बनाया गया है। बांध में 395 मीटर का जलस्तर बनाया रखा जाता है। अधिकारियों ने सुबह लगभग दस बजे बांध का एक गेट खोलने का निर्णय लिया। इसके बावजूद जल भराव तेज गति से बढता रहा। इसे देखते हुए दोपहर तक बांध के सभी छह गेट खोल दिए गए।