देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है चीन, देश में छिड़ी बहस

देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है चीन, देश में छिड़ी बहस

बीजिंग। चीन देश और नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले भाषण और कपड़ों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है और इसके लिए उसने एक मसौदा कानून भी तैयार किया है जिस पर देश में बहस छिड़ गई है। बीबीसी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

अगर यह कानून लागू हो जाता है, तो दोषी लोगों पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें जेल भेजा जा सकता है, लेकिन प्रस्ताव में अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उल्लंघन क्या-क्या है। सोशल मीडिया यूजर्स और कानूनी विशेषज्ञ इसमें ज्यादा स्पष्टता की मांग कर रहे हैं। हाल ही में चीन ने अपने सार्वजनिक सुरक्षा कानूनों में प्रस्तावित बदलावों की एक सूची जारी की है जो इस देश में दशकों बाद पहला सुधार होगा। कपड़ों के कानून को लेकर नागरिकों की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया हो रही है और कई ऑनलाइन यूजर्स इसे बेतुका बताते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं। 

विवादास्पद मसौदा कानून में कहा गया है,“ अगर कोई दूसरे लोगों को ऐसे कपड़े या चिह्न पहनने के लिए मजबूर करता है जो देश के नागरिकों की भावनाओं को कमजोर करते हैं या राष्ट्र की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं तो उसे 15 दिनों तक की जेल और 5,000 युआन (680 डॉलर) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जो लोग ऐसा करने वाले लेख लिखते हैं या भाषण देते हैं या प्रसारित करते हैं, उन्हें भी वही सजा मिल सकती है।” यूजर्स का सवाल है कि कानून लागू करने वाले एकतरफा कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि राष्ट्र की भावनाएं कब आहत होती हैं। 

देश के कानूनी विशेषज्ञों ने भी इस अस्पष्ट कानून की आलोचना की है और कहा है कि इसका दुरुपयोग हो सकता है। झाओ होंग, कानून की प्रोफेसर, चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटिकल साइंस एंड लॉ ने कहा कि स्पष्टता की कमी से व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है। उन्होंने बुधवार को प्रकाशित एक लेख में कहा, “क्या होगा अगर कानून लागू करने वाला, आमतौर पर एक पुलिस अधिकारी, चोट की व्यक्तिगत व्याख्या करता है और कानून के दायरे से बाहर निकलकर दूसरों को नैतिक निर्णय सुनाता है।” 

उन्होंने पिछले वर्ष चीन के सूझोउ शहर में सुर्खियों में आए एक मामले का हवाला दिया, जहां एक किमोनो पहनी एक महिला को हिरासत में लिया गया और उस पर झगड़ा करने और परेशानी उत्पनान करने का आरोप लगाया गया क्योंकि उसने जापानी पोशाक पहना था। इस घटना से पूरे चीनी सोशल मीडिया में आक्रोश फैल गया था।

 इस वर्ष मार्च में पुलिस ने एक महिला को रात में बाजार में जापानी सेना की वर्दी जैसे कपड़े पहने हुए हिरासत में लिया था, जबकि पिछले महीने की शुरुआत में, इंद्रधनुष प्रिंट वाले कपड़े पहने लोगों को बीजिंग में ताइवान के गायक चांग हुई-मेई के एक संगीत कार्यक्रम में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था।

मसौदा कानून इस बात का एक उदाहरण है कि किस प्रकार से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 2012 में सत्ता में आने के बाद से एक आदर्श चीनी नागरिक को फिर से परिभाषित करने की चाहत रखते हैं। उनकी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 2019 में नैतिकता के दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें विनम्र रहने, कम कार्बन फुटप्रिंट के साथ यात्रा करने और राष्ट्रपति और पार्टी में विश्वास रखने जैसे निर्देश शामिल किए गए। 

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