सीएम मान ने की बड़ी घोषणा, सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को मिलेंगे पांच लाख रुपये विशेष अनुदान

सीएम मान ने की बड़ी घोषणा, सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को मिलेंगे पांच लाख रुपये विशेष अनुदान

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गांवों के समग्र विकास के लिए बड़े फैसले में लेते हुए सोमवार को ‘मुख्यमंत्री पिंड एकता सम्मान’ के तहत सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को पांच लाख रुपये के विशेष अनुदान देने की घोषणा की। पंचायत चुनावों में भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने पर जोर देते हुए  मान ने कहा कि ये चुनाव गांवों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए राज्य सरकार ने उन गांवों को विशेष अनुदान देने की घोषणा की है जो सर्वसम्मति से सरपंच और पंचों का चुनाव करेंगे। 

उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूरे राज्य में सर्वसम्मति से अपना प्रतिनिधि चुनने का चलन स्थापित करेगा और जमीनी स्तर से राजनीतिक कटुता को जड़ से खत्म कर देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव मुख्य रूप से गांवों के विकास से जुड़ा है और इन चुनावों को विरोधियों के खिलाफ राजनीतिक द्वेष पैदा करने के साधन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि गांवों के लोग हमेशा से एक-दूसरे के दुख और खुशी साझा करते रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि सरपंच किसी एक वर्ग के नहीं बल्कि पूरे गांव के असली नेता होते हैं इसलिए उन्हें गांव के नेता के रूप में काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर आने वाले चुनावों में अपने पंचायत प्रतिनिधियों को सर्वसम्मति से चुनें ताकि भाईचारे और सद्भाव के लोकाचार को और मजबूत किया जा सके। 

मान ने विश्वास व्यक्त किया कि इस निर्णय के कार्यान्वयन के साथ अधिकतम संख्या में गांव इस वित्तीय सहायता के अवसर का लाभ उठाएंगे ताकि वे अपने राजनीतिक संबंधों के बजाय अपने पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव कर सकें और अपने गांवों को उच्च विकास पथ पर ले जा सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इन चुनावों को राजनीतिक क्षेत्रों से मुक्त रखने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। 

उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य पंचायत चुनाव के दौरान सौहार्दपूर्ण माहौल बनाना और गांवों के हर कोने का समग्र विकास सुनिश्चित करना है। मान ने कहा कि एक के बाद एक सरकारों ने राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इन चुनावों को ग्रामीणों के बीच गुटबाजी पैदा करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन अंतत: गांवों को इसका परिणाम भुगतना पड़ा। 

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