प्रयागराज : जांच अधिकारियों का कर्तव्य अप्रकाशित सत्य को सामने लाना है

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच अधिकारियों के कर्तव्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जांच अधिकारी का कर्तव्य ना केवल अभियोजन पक्ष के मामले को मजबूत करना है बल्कि अप्रकाशित सच्चाई को सामने लाना भी है। प्रत्येक सभ्य समाज में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस को अपराध की जांच करने की शक्तियां दी गई हैं और यह समाज के हित में है कि जांच एजेंसी को ईमानदारी और निष्पक्षता से काम करना चाहिए। रिकॉर्ड पर ली गई सामग्री की उपेक्षा करने जैसी हरकतें ना केवल जांच एजेंसी के प्रति बल्कि आपराधिक न्याय व्यवस्था के अंतर्गत अंतिम विश्लेषण के प्रति भी आम लोगों के विश्वास को कमजोर कर देती है।
जांच एजेंसी पर यह जिम्मेदारी होती है कि वह एक निर्दोष व्यक्ति को न्याय दिला सके। उक्त टिप्पणी न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं व दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत सूर्यांश खरबंदा के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर सुनवाई करते हुए दिया। मामले के अनुसार मृतिका के पिता पवन ग्रोवर ने 19 नवंबर 2021 को हुई घटना के संबंध में पुलिस स्टेशन नजीराबाद, कानपुर नगर में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया कि अभियुक्त ने उनकी बेटी के साथ 70 लाख की नगदी और ज़ेवर के लिए मारपीट की तथा उसे आत्महत्या के लिए उकसाया। प्राथमिकी में आगे आरोप लगाया गया है कि मृतिका अपने पिता को दिन में कई बार फोन कर ससुराल वालों की ओर से दी गई प्रताड़ना के बारे में बताती थी।
जब पीड़िता ने एक दिन फोन नहीं किया तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी और जब वह पीड़िता के ससुराल पहुंचे तो अपनी बेटी को पंखे से लटका हुआ पाया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी ने अभियुक्त द्वारा पुलिस, कानपुर नगर को उपलब्ध कराई गई सामग्री का संज्ञान नहीं लिया और ना ही मामले में सामग्री का प्रतिलेख दर्ज किया।
अंत में कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि निष्पक्ष जांच आपराधिक न्यायशास्त्र का मूलभूत सिद्धांत है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 और 21 में निहित संवैधानिक जनादेश के अनुसार जांच निष्पक्ष और कानून के अनुसार की जानी चाहिए। निष्पक्ष और उचित जांच अधिकारी का प्राथमिक कर्तव्य है। अतः कोर्ट ने मामले को निष्पक्ष और कानूनी जांच के लिए पुलिस महानिदेशक, यूपी को अग्रसारित करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश दिए हैं, साथ ही अभियुक्त को सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया।
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