मुरादाबाद : जिले में तेजी से बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, फार्मासिस्ट-चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के भरोसे ऑक्सीजन प्लांट
ऑक्सीजन संयत्रों का किया जा रहा परीक्षण
जूही दास, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। अब तक जिले में 38 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। स्वास्थ्य महकमा भी संसाधन व उपकरणों को नए सिरे से चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है। जो संकटकाल में कोरोना पीड़ितों का मददगार साबित होंगे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि वर्तमान में दवा समेत पर्याप्त बेड व ऑक्सीजन की व्यवस्था है। हालांकि, ऑक्सीजन प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सौंपी गई है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन को लेकर मारामारी मच गई थी। उस समय पांच लाख लीटर लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक कोविड-19 तल के बाहर रखा गया था। यह अस्थाई व्यवस्था थी जो कि संक्रमण थमने के बाद बंद कर दी गई। दूसरी लहर से सबक लेने के बाद करोड़ों की लागत से 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाला प्लांट लगाया गया। कोविड-19 के गंभीर मरीज को हर मिनट 15 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जबकि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्षमता पांच से आठ लीटर प्रति मिनट है। 10 कंसंट्रेटर ही 10 लीटर प्रति मिनट क्षमता वाले हैं।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ.प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट पर कोई आपरेटर नहीं रखे जांएगे। क्योंकि प्लांट लगने के बाद एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को प्लांट संचालन का प्रशिक्षण दे दिया गया है। जरूरत पड़ने पर यही कर्मचारी ऑक्सीजन प्लांट का संचालन करेंगे।
यह है ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता
- जिला पुरुष अस्पताल मुरादाबाद 1000 लीटर प्रति मिनट
- जिला महिला चिकित्सालय मुरादाबाद 500 लीटर प्रति मिनट
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुंदरकी 330 लीटर प्रति मिनट
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मूंढापांडे 330 लीटर प्रति मिनट
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डिलारी 330 लीटर प्रति मिनट
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शरीफनगर 330 लीटर प्रति मिनट
दावा 100 बेड का, मात्र 40 ही उपलब्ध
मुरादाबाद। जिला अस्पताल में बने एल-2 में फिलहाल 100 बेड तैयार होने का दावा किया जा रहा है। जबकि, हकीकत में 40 ही बेड उपलब्ध है। आईसीयू कंसल्टेंट डॉ. प्रवीण शाह ने बताया कि 20 बेड आईसीयू, 20 बेड एचडीयू के हैं। बताया कि अगर, 2021 जैसे महामारी पैदा होती है तो जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
टीबी चैंपियन करेंगे रोगियों को जागरूक
मुरादाबाद। टीबी चैंपियन अब रोगियों को जागरूक करेंगे। इसके लिए प्रत्येक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एक महिला-एक पुरुष की तैनाती होगी। जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मो. जावेद ने बताया कि शासन की ओर से जागरूक करने के लिए नई गाइडलाइन प्राप्त हुई है। जल्द ही टीबी चैंपियन का चयन किया जाएगा।
कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियां कर रहा है। 11 और 12 अप्रैल को मॉक ड्रिल में व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। अगर कोई कमी मिलती है तो उसे दूर कराया जाएगा। इसके अलावा वहां दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता भी है। -डॉ. एमसी गर्ग, सीएमओ
जागरूकता का अभाव, क्षय रोगी बीच में छोड़ रहे कोर्स
मुरादाबाद। टीबी रोगियों के लिए जरूरी खबर है। यदि बीमारी से छुटकारा चाहिए तो कोर्स पूरा करना जरूरी है। जागरूकता के अभाव में मरीज एक महीने की दवा खाने के बाद स्वस्थ महसूस करते ही बीच में दवा छोड़ देते हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर टीबी मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान के तहत मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है। जिले में पिछले पांच साल में 10,000 से ज्यादा मरीजों में टीबी की पुष्टि हो चुकी है। विभाग के आंकड़ों की माने तो वर्तमान में 6326 टीबी के मामले सक्रिय हैं। इसमें समाजसेवी संस्थाओं द्वारा 2733 टीबी के मरीजों को गोद लिया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मो. जावेद ने बताया कि टीबी का छह माह का कोर्स होता है। उन्हें छह डोज कॉमबिनेशन (एफडीएस) दी जाती है। कुछ मरीज बीच में ही दवा खाना छोड़ देते है।
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