चित्रकूट: सरकारी किताबों से लदी वैन को गांववालों ने पकड़ा, ग्रामीणों का आरोप- बेचने के लिए ले जाई जा रही थीं पुस्तकें
खंड शिक्षाधिकारी ने भेजी बीएसए को रिपोर्ट
चित्रकूट, अमृत विचार। सरकारी स्कूल की डंप किताबों से लदी वैन को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे बीईओ ने किताबों को रखकर कमरा सील कर दिया। इस संबंध में बेसिक शिक्षाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गई है। गांववालों का आरोप है कि इन किताबों को बेचने के लिए ले जाया जा रहा था।
मामला मऊ तहसील अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय हरदी कलां का है। बताया जाता है कि 31 मार्च को अपराह्न लगभग दो बजे एक वैन स्कूल पहुंची और इसमें स्कूल में रखी पुरानी किताबों को लाद दिया गया। गांव निवासी समरजीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रामप्रकाश, रामकरन आदिवासी, सुनील वर्मा, फूलचंद्र आदि को भनक लगी कि सरकारी किताबों को बेचने के लिए ले जाया जा रहा है, तो इन्होंने वैन की घेराबंदी कर ली। बीईओ, प्रधान व अन्य लोगों को सूचना दी।
इस पर इस मामले से जुड़े लोगों ने ही वैन को वापस स्कूल ले जाकर आननफानन में किताबें उतरवाईं। बाद में मौके पर पहुंचे बीईओ कृष्ण दत्त पांडेय ने 11 छोटी बोरियों और तीन बड़ी बोरियों में भरी किताबों के एक कमरे में रखवाकर सील कराया और बीएसए को मामले की रिपोर्ट भेजी।
उधर, गांववालों ने बताया कि छात्रसंख्या ज्यादा दिखाकर ज्यादा किताबें ले ली जाती हैं और बाद में इनको बेच दिया जाता है। गांववाले यह भी बताते हैं कि पिछले चार सत्रों में जो किताबें आईं, उन बची किताबों को बेचने के लिए ले जाया जा रहा था। बीईओ ने शिक्षकों और शिक्षामित्रों से भी इस संबंध में बयान लिए। आगे की क्या कार्रवाई हुई, जानकारी लेने के लिए बीएसए लवप्रकाश यादव और बीईओ कृष्णदत्त पांडेय के मोबाइल पर कई बार रिंग की गई पर उन्होंने रिसीव नहीं किया।
मामले में आ रहे दो शिक्षकों के नाम
पूरे मामले में ग्रामीण स्कूल के दो शिक्षकों की मिलीभगत बताते हैं। इनका कहना है कि ये शिक्षक इसी तरह के गोरखधंधे में शामिल रहते हैं और दबंगई की वजह से कोई इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाता।
मामले को की जा रही थी दबाने की कोशिश
गांववालों की मानें तो विभाग पूरे मामले को दबाने की कोशिश में था। गौरतलब है कि मामला 31 मार्च का है। हालांकि जब सोशल मीडिया में इस संबंध में वीडियो वायरल हुआ तो लोगों को इस संबंध में पता चला।
बच्चों-रसोइयों से किताबें लदवाई गईं- प्रधान प्रतिनिधि
प्रधान प्रतिनिधि जनार्दन सिंह ने भी दो शिक्षकों के नाम लिए। बताया कि इन दोनों की मिलीभगत से ही यह काम हो रहा था। यहां किताबें कम रेट में बिकती हैं, इसलिए बाहर भेजी जा रही थीं। दावा किया कि वैन में किताबों को रसोइया और बच्चों की मदद से रखा गया। बाद में पकड़े जाने पर इन किताबों को नई किताबों के साथ रख दिया। प्रधानपति ने बताया कि इन लोगों ने भरमाने की वजह से दूसरे स्कूलों में भेजने की बात कही थी, जबकि उसने पूछा तो पता चला कि उन जगहों पर पहले ही किताबें पहुंच चुकी हैं।
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