नैनीतालः लापता 122 लोगों का सुराग न लगा पाने पर सरकार को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बीते वर्ष चमोली के रैणी क्षेत्र की धौली गंगा में आई भीषण आपदा के बाद लापता शवों की खोजबीन करने और उनके अंतिम संस्कार करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य एवं केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है।
मामले के अनुसार, दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि बीते वर्ष रैणी गांव के धौली गंगा में आई आपदा के बाद कई लोग लापता हो गए थे, जिसमें 206 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि आपदा में लापता लोगों को राज्य सरकार द्वारा खोजा नहीं गया, न ही उनके शव मिल पाए। याची ने अदालत को बताया कि अभी भी उस क्षेत्र में 122 लोग लापता हैं, जिसमें देश के ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश के लोग भी शामिल थे।
याचिकाकर्ता के अनुसार, लापता लोगों के शवों को खोजना और रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। याची ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा में अभी भी 3322 लोग लापता हैं, जिनकी खोजबीन राज्य सरकार नहीं कर रही है। उनकी ही जनहित याचिका पर वर्ष 2021 में शव बरामद किए गए थे।