लखीमपुर-खीरी: खंभारखेड़ा चीनी मिल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भेजा साढ़े नौ लाख का नोटिस 

डीएम ने लिया संज्ञान, हरकत में आए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर

लखीमपुर-खीरी: खंभारखेड़ा चीनी मिल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भेजा साढ़े नौ लाख का नोटिस 

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। खंभारखेड़ा को प्रदूषण फैलाने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साढ़े नौ लाख का नोटिस भेजा है। बजाज चीनी मिल से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के सम्बन्ध में आम जनमानस ने डीएम से शिकायत की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए डीएम महेन्द्र बहादुर सिंह ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की टीम से चीनी मिल द्वारा उत्सर्जित किये जा रहे प्रदूषण की जांच कराई। 
 
विशेषज्ञों की जांच में मिल द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय हरित अधिकरण व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक से अधिक पाए जाने पर दोषी चीनी मिल को 31 दिवस का डिफाल्टर मानते हुए तथा विशेषज्ञों के सुझावों का अनुपालन न होने की अवधि तक पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित किए जाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।
 
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों ने इकाई का स्थलीय निरीक्षण कर प्रदूषण के लिए निर्धारित मापदंडों की पड़ताल की। निरीक्षण में उक्त इकाई में राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली में दाखिल समिति की आख्या में दिए गए सुझाव, संस्तुतियों का अनुपालन होता नहीं पाया गया। 
 
निरीक्षण टीम ने इकाई को राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली द्वारा दिए गए दिशा निर्देश, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी मार्ग निर्देशिका के अनुसार उद्योग के विरुद्ध 31 दिनों का डिफाल्टर मानते हुए पर्यावरण क्षतिपूर्ति का आकलन किया। इकाई बजाज हिन्दुस्तान लि. (शुगर इकाई), खम्भारखेड़ा के विरूद्ध 22 दिसंबर 2022 से 21 जनवरी 2023 तक की अवधि तक (कुल अवधि - 31 दिन) 30 हजार प्रतिदिन की दर से कुल नौ लाख तीस हजार एवं  30 प्रतिदिन दिन की दर से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति किए जाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की संस्तुति सहित आख्या बोर्ड मुख्यालय को भेजी।
 
इनके अलावा इकाई मैसर्स बजाज एनर्जी लिव (90 मेगावाट थर्मल पावर प्लाण्ट), खम्भारखेड़ा के विरूद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत एक लाख रूपए किये जाने तक पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित किये जाने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जाने की संस्तुति सहित आख्या बोर्ड मुख्यालय को भेजी। बताते चलें कि उप्र नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ उमेश चंद्र शुक्ला ने इकाई के निरीक्षण की आख्या एवम कार्यवाही से डीएम व मुख्य पर्यावरण अधिकारी उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी अवगत कराया।
 
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि चीनी मिल के प्रदूषित पानी से किसानों के खेत प्रभावित हो रहे है, जो किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शासन-प्रशासन के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। किसानों की इस समस्या का व्यापक जनहित में संज्ञान लेकर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को जांच के लिए निर्देश दिए, इसी के परिपेक्षय में बोर्ड के अफसरों ने जांच करते हुए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित किए जाने का कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए  कार्यवाही से अवगत कराया है।