Budget 2023 : एक क्लिक में फटाफट जानिए इस बार के बजट की खास बातें
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया। निर्मला सीतारमण ने कहा, अमृत काल में यह पहला बजट है। दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा माना है। हमारा आर्थिक एजेंडा नागरिकों के लिए अवसरों को सुविधाजनक बनाने, विकास और रोज़गार सृजन को तेज़ गति प्रदान करने और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मज़बूत करने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है। वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा, व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर 0 से 3 लाख रुपये तक शून्य, 3 से 6 लाख रुपये तक 5%, 6 से 9 लाख रुपये 10%, 9 से 12 लाख रुपये 15%, 12 से 15 लाख रुपये तक 20% और 15 लाख से ऊपर 30% रहेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा, प्रस्तावित पूंजीगत निवेश में लगातार तीसरे साल बड़ी बढ़ोतरी के साथ 33% बढ़ाकर ₹10 लाख करोड़ किया गया है। बकौल सीतारमण, यह रकम देश की जीडीपी का 3.3% होगी। उन्होंने कहा, "यह 2019-20 में प्रस्तावित पूंजीगत निवेश का करीब तीन गुना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपने बजट 2023 के भाषण में कहा कि सरकार 5जी ऐप्स के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों में 100 लैब्स की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में लॉन्च किए गए नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए ₹19,700 करोड़ का आवंटन किया गया है ताकि जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता घटाई जा सके।
बजट 2023-24 की खास बातें
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी।
पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान पैकेज की परिकल्पना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए की गई है, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा।
Budget 2023 की 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुँचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, ग्रीन ग्रोथ, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं।
2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सहस्थान में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
विशेष रूप से जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए PMPBTG विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि PBTG बस्तियों को मूलभूत सुविधाएं दी जा सके। अगले 3 साल में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे।
बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है।
पीएम आवास योजना के परिव्यय को 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया जा रहा है।
EPFO सदस्यता में दोगुनी वृद्धि, जो अब 27 करोड़ है, से यह परिलक्षित होता है कि अब अर्थव्यवस्था बहुत अधिक औपचारिक हो गई है, UPI के माध्यम से 2022 में 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 डिजिटल भुगतान हुए।
सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को एक वर्ष के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
2014 से ही सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाना और क्वालिटी देना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है। दुनिया भारत को चमकदार सितारे की तरह देख रही है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7% रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है।
बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा। अगले 3 साल में 740 एकलव्य स्कूलों के लिए 38 हजार 800 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे।
कोविड-19 महामारी के समय 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराकर यह सुनिश्चित किया कि देश में कोई व्यक्ति भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के समय जी20 की अध्यक्षता मिलने से हमारे पास वैश्विक व्यवस्था में भारत की भूमिका को मजबूत करने का अवसर है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाए) के तहत गरीब लोगों को नि:शुल्क अनाज उपलब्ध कराने की योजना का क्रियान्वयन कर रही है जिस पर एक जनवरी से शुरू करके दो लाख करोड़ रुपये का व्यय आएगा। उन्होंने बताया कि 2020-21 में कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गया है जो 2019-20 में सात फीसदी था।
सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण किया है। उन्होंने 2024 के आम चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का मिशन ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा कि डिजिटल भुगतान में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक संगठित हो गई है।
कृषि क्षेत्र में संस्थागत ऋण वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 18.6 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2020-21 में 15.8 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान, पीएम-फसल बीमा योजना और कृषि अवसंरचना कोष बनाने जैसी पहल ने इस क्षेत्र की मदद की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सामाजिक-आर्थिक विकास में डिजिटल बुनियादी ढांचे की भूमिका बढ़ी है और भारत ने खुद को ज्ञान केंद्र के रूप में मजबूती से स्थापित किया है।
महामारी से प्रभावित MSME को राहत दी जाएगी। संविदागत विवादो के निपटान के लिए स्वैच्छिक समाधान योजना लाई जाएगी।
पूंजी निवेश परिव्यय 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% होगा।
740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए अगले 3 वर्षों में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O की शुरूआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएं।
वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा। ये योजना वर्ष 2025 तक चलेगी।
वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी।
आर्थिक क्षेत्रों में ऊर्जा के कुशल उपयोग के लिए हरित ईंधन, हरित ऊर्जा आदि जैसे कार्यक्रमों को लागू किए जा रहे हैं हरित विकास के ये प्रयास अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद करते हैं और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
पीएम विश्व कर्मा कौशल सम्मान : इसके तहत पहली बार पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों के लिए सहायता पैकेज की परिकल्पना की गई है यह उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने व पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा।
प्रौद्योगिकी संचालित व ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आर्थिक एजेंडा तीन बिंदुओं पर केंद्रित है...अवसरों को सुविधाजनक बनाना, रोजगार सृजन को मजबूत गति देना, व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करना।
2022-2023 के लिए संशोधित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4% है। 2023-2024 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.9% रहने का अनुमान है।
क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपॉड्स, वाटर एयरोड्रोम और उन्नत लैंडिंग ग्राउंड का पुनरुत्थान किया जाएगा।
सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया।
3 करोड़ के टर्नओवर वाले माइक्रो उद्योग को कर में छूट दी जाएगी।
7 लाख तक सालाना कमाने वालो को कोई कर नहीं देना होगा।
ऐसे कैदी जो गरीब हैं और जुर्माना या जमानत नहीं भर सकते हैं, जिन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है, उन्हें यह मदद दी जाएगी।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष एक कार्यक्रम में कहा था कि विचाराधीन कैदियों से जुड़े ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
अनुसूचित जनजातियों के लिए अगले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम-पीवीटीजी) विकास मिशन को लागू किया जाएगा। इसके लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वित्त मंत्री ने घोषणा की, ‘‘विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम-पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को स्थायी आजीविका, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, सड़क और दूरसंचार संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
भारतीय रेलवे को वित्त वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे, जो वर्ष 2022-24 की तुलना में 65.6 प्रतिशत अधिक तथा वर्ष 2013-14 के आवंटन की तुलना में नौ गुना है। आम बजट 2022-23 में रेलवे को पूंजीगत आवंटन 1.4 लाख करोड़ रुपए था, जबकि राजस्व व्यय 3267 करोड़ रुपए तय किया गया था।
बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है, अब तक का यह सर्वाधिक परिव्यय, वित्त वर्ष 2013-14 में किए गए परिव्यय का लगभग नौ गुना है।
रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 50 नए एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरो ड्रोन, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स का विकास किया जाएगा।
5G सर्विस पर चलने वाले ऐप डेवलप करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब बनाई जाएंगी। इन लैब्स के जरिए नए अवसर, बिजनेस मॉडल और रोजगार की संभावनाएं बनेंगी। इन लैब्स में स्मार्ट क्लासरूम, प्रिसाइजन फार्मिंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे फील्ड्स के लिए ऐप्स तैयार होंगे।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा, 6000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना शुरू की जाएगी।
𝐄𝐤𝐥𝐚𝐯𝐲𝐚 𝐌𝐨𝐝𝐞𝐥 𝐑𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐚𝐥 𝐒𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥𝐬 : 3.5 लाख आदिवासी समुदाय के छात्रों को समर्पित 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए केंद्र, अगले तीन वर्षों में, 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती करेगा।
क्या हैं नई कर व्यवस्था के तहत नए इनकम टैक्स स्लैब्स?
नई कर व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब्स घटाकर 5 किए गए हैं। अब ₹3 लाख/वर्ष तक की आय पर टैक्स नहीं लगेगा जबकि ₹3-6 लाख की आय पर 5% और ₹6-9 लाख की आय पर 10% आयकर लगेगा। वहीं, ₹9-12 लाख की आय पर 15%, ₹12-15 लाख की आय पर 20% जबकि इससे अधिक आय पर 30% टैक्स लगेगा।
बजट के सप्तर्षि, वित्त मंत्री ने बताया क्या है सप्तर्षि
वित्त मत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के सात आधार बताए। इन्हें सप्तर्षि कहा गया है। 1. समावेशी विकास, 2. वंचितों को वरीयता, 3. बुनियादी ढांचे और निवेश, 4. क्षमता विस्तार 5. हरित विकास, 6. युवा शक्ति, 7. वित्तीय क्षेत्र।
वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का विजन तकनीक संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। इसके लिए सरकारी फंडिंग और वित्तीय क्षेत्र से मदद ली जाएगी। इस 'जनभागीदारी' के लिए 'सबका साथ, सबका प्रयास' अनिवार्य है।
अमृत काल का पहला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के आज बजट को पेश करते हुये इसे अमृत काल का पहला बजट बताया और कहा कि यह समग्र विकास का बजट है जिसके परिणाम सभी देशवासियों तक पहुंचाने की कोशिश है। श्रीमती सीतारमण ने यहां लोकसभा में बजट भाषणा का शुभारंभ करते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती के बावजूद भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला अर्थव्यवस्था है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करने से पहले बजट वाले टैबलेट के साथ नज़र आईं। इससे पहले वित्त मंत्री सीतारमण 2019 और 2020 में लाल रंग के कपड़े में पारंपरिक बही-खाता के साथ दिखी थीं जबकि 2021 व 2022 में उन्होंने बजट को पेपरलेस बनाते हुए उसे एक टैबलेट से पढ़ा था। बजट पेश होने से पहले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, यह बजट सबसे अच्छा बजट होगा। ये बजट गरीब और मध्यम वर्ग के पक्ष में रहेगा। बजट सत्र के लिए राहुल गांधी के संसद पहुंचने पर भारत जोड़ो यात्रा के नारे लगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में बजट 2023-24 पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सीतारमण केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शामिल हुईं। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है।
बजट पेश होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोले, बजट देखने के बाद हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे। बिना बजट देखे अंदाज़े पर बोलना गलत होगा। बजट रिपोर्ट देखने के बाद, बजट कैसा होना चाहिए था और कैसा है इसपर बात करेंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण में तो कुछ नहीं दिखा अब बजट में उनका जलवा देखेंगे। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी बोले, हिंदुस्तान में गरीबी, बेरोजगारी-महंगाई बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया जाना चाहिए। बजट पेश होने के बाद पता चलेगा कि सरकार हमारी उम्मीदों पर खरी उतरती है या नहीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट 2023-24 पेश किए जाने से पहले बुधवार को शेयर बाज़ार बढ़त के साथ खुला। बुधवार को बीएसई का सेंसेक्स 437 अंकों की बढ़त के साथ 59,987 पर खुला जबकि एनएसई का निफ्टी 129 अंक चढ़कर 17,791 पर खुला। सीतारमण बुधवार को 11 बजे से संसद में बजट पेश किया।
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बजट शब्द फ्रेंच भाषा के Bougette से आया है जिसका मतलब होता है चमड़े का बैग। संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक आम बजट एक वित्त वर्ष में सरकार की आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है और स्वतंत्र भारत का पहला बजट 1947 में पेश हुआ था। बजट को ब्रीफकेस में लाने की परंपरा 1970 के दशक से शुरू हुई थी।
स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को देश का पहला बजट पेश किया था। जस्टिस पार्टी के नेता चेट्टी कोचीन राज्य के पूर्व दीवान थे और उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज व मद्रास लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। चेट्टी 1933-35 तक भारत की केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष भी रहे थे।
देश का बजट पहले राष्ट्रपति भवन में छपता था लेकिन 1950 में बजट लीक होने के बाद इसकी छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगी। हालांकि, 1980 में वित्त मंत्रालय में प्रिंटिंग प्रेस लगने के बाद बजट यहीं छपता है। इसकी छपाई से जुड़े कर्मचारी हलवा सेरेमनी से लेकर बजट पेश होने तक यहीं रहते हैं। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बुधवार को आम बजट पेश किए जाने से पहले कहा कि इस बार का बजट समाज के सभी वर्गों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हमेशा जनता के हित में काम किया है।
2022 चौथा बजट: हलवा रस्म नहीं हुई, सबसे छोटा बजट भाषण
सीतारमण ने अपना सबसे छोटा बजट भाषण दिया। 1 घंटे 30 मिनट का। कोरोना के चलते प्रिंटिंग से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी भी नहीं हुई। अधिकारियों को मिठाई बांटी गई। हालांकि 2023 के बजट में ये रस्म वापस आ गई। सीतारमण ने अधिकारियों को हलवा बांटा। ये लॉक इन प्रॉसेस की शुरुआत होती है। यानी ये अफसर बजट जारी होने तक बाहरी दुनिया से कट जाते हैं। ऐसा गोपनीयता के चलते किया जाता है।
क्या कहा विपक्षी नेताओं ने ?
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है...टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
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