सुल्तानपुर: आप सांसद संजय सिंह समेत छह को तीन माह की सजा, अपील का मौका देकर कोर्ट ने किया रिहा 

22 साल पहले 2001 में लाइट कटौती को लेकर शहर में किया था आंदोलन

सुल्तानपुर: आप सांसद संजय सिंह समेत छह को तीन माह की सजा, अपील का मौका देकर कोर्ट ने किया रिहा 

सुल्तानपुर, अमृत विचार। 22 साल पहले एक मामले में एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह, पूर्व विधायक अनूप संडा और पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव समेत छह लोगों को तीन-तीन महीने की सजा सुनाई। साथ ही डेढ़-डेढ़ हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। फिलहाल, संजय सिंह समेत सभी को उच्च अदालत से जमानत मिल गई है।

2001 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में अघोषित विद्युत कटौती को लेकर जिले में संजय सिंह के नेतृत्व में आंदोलन किया गया था। इस मामले में नगर कोतवाली में धरना प्रदर्शन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में संजय सिंह के साथ पूर्व विधायक अनूप संडा, बीजेपी के नगर अध्यक्ष रहे सुभाष चौधरी, सभासद विजय सेक्रेटरी, कांग्रेस नेता कमल श्रीवास्तव और पूर्व नगर प्रवक्ता संतोष चौधरी को भी दोषी बनाया गया था। सभी लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।

एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश योगेश यादव की अदालत में मामला चल रहा था। जिस पर बुधवार को फैसला आया है। इस मामले में पांच लोगों को दोषी बनाया गया है। इस मामले में संजय सिंह समेत अन्य को एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश योगेश यादव तीन माह की सजा सुनाई। इस दौरान घंटों कस्टडी में सभी दोषी रहे। बचाव पक्ष के अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने बताया कि तीन साल से कम की सजा के प्रावधानों के अंतर्गत सभी को जमानत मिल गई। दरअसल, कोर्ट ने अपील दायर करने के लिए मौका देते हुए सभी आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया है वहीं इस मामले को लेकर अब ऊपरी अदालत में सुनवाई होगी। 

जनता की लड़ाई जारी रहेगीः संजय सिंह 

कोर्ट का फैसला आने के बाद कोर्ट में मौजूद राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी सरकार की अव्यवस्था को आंदोलन के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, वे इस सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। साल 2001 में 10, 20 से लेकर 36 घंटे तक बिजली नहीं आती थी। जिसकी वजह से लोग परेशान थे। इसी मुद्दे को लेकर उन्होंने उस समय आंदोलन किया था। उनका साथ पूर्व सपा विधायक अनूप संडा, भाजपा व कांग्रेस के नेताओं ने भी दिया था।

उन्होंने कहा 21 साल बाद अब अदालत ने फैसला दिया है, उसके खिलाफ तो कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन, इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता तक की गवाही नहीं है। इसके खिलाफ ऊपर की अदालत में अपील करूंगा। मेरी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी। जनता की लड़ाई थी। जनता की लड़ाई आगे भी लड़ता रहूंगा। 

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