दशकों पुरानी परंपरा खत्म करने जा रहा केरल, गवर्नर नहीं कर सकेंगे बजट सत्र को संबोधित
तिरुवनंतपुरम। केरल में गवर्नर बनाम मुख्यमंत्री पी विजयन की लड़ाई लगातार नजर आ रही है। हालांकि राज्य सरकार ने दशकों से चली आ रही परंपरा से ही गवर्नर को दूर रखने का फैसला ले लिया है। जी दरअसल इस मामले से परिचित अधिकारियों ने कहा है कि, केरल सरकार ने विधानसभा के आगामी बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण की परंपरा को छोड़ने का फैसला किया है। केरल विधानसभा का सातवां सत्र मंगलवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के बाद यह कदम उठाया गया है।
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बता दें कि दशकों से यह परंपरा चली आ रही है कि प्रत्येक वर्ष विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का अभिभाषण होता है, लेकिन केरल विधानसभा में आगामी बजट सत्र में ऐसा नहीं होने जा रहा है। हालाँकि सातवें सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ही विधायकों को 10 दिन का नोटिस देकर दोबारा विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं।
बता दें कि घटनाक्रम से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "विधानसभा का सातवां सत्र मंगलवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था, सत्रावसान नहीं किया गया था। इसलिए बजट सत्र को आगे जारी रखा जाएगा।" आपको यह भी बता दें कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच चल रहे तनाव के बीच यह नया कदम उठाया गया है। राज्यपाल खान राज्य के विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के लिए पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार पर लगातार हमला बोलते रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व करने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने राज्य में उच्च शिक्षा के भगवाकरण के कथित प्रयासों को लेकर राज्यपाल पर हमला किया है। जी दरअसल बीते मंगलवार को ही विधानसभा ने राज्यपाल खान को विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने और प्रतिष्ठित हस्तियों को इस पद पर नियुक्त करने से जुड़ा एक विधेयक पारित किया है। विपक्षी दलों ने इस दौरान सदन का बहिष्कार किया था। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार राज्यपाल के अभिभाषण को केवल स्थगित कर सकती है, लेकिन इसे खत्म नहीं कर सकती।
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