पीलीभीत : इंटरलॉकिंग सड़क और नाली निर्माण में हजम कर गए लाखों की रकम, प्रधान और सचिव से हुई रिकवरी

पीलीभीत : इंटरलॉकिंग सड़क और नाली निर्माण में हजम कर गए लाखों की रकम, प्रधान और सचिव से हुई रिकवरी
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पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग सड़कें और नाली निर्माण के नाम पर ग्राम प्रधान-सचिव गठजोड़ ने लाखों की रकम हड़प ली। शिकायत के बाद डीएम द्वारा कराई गई जांच में घोटाले का खुलासा हुआ। प्रकरण की अंतिम जांच के बाद डीएम के निर्देश के बाद दोषी पाए गए ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव से 1.50-1.50 लाख की रिकवरी की गई। रिकवरी के बाद डीएम ने चेतावनी के साथ्र ग्राम प्रधान के सीज अधिकार बहाल करने के साथ पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मामला बीसलपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत रसायाखानपुर का है। गांव निवासी एक ग्रामीण ने डीएम को शपथ पत्र सहित की गई शिकायत में ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा कराए गए कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था। प्रकरण की जांच के लिए जिला गन्ना अधिकारी एवं शारदा सागर खंड के सहायक अभियंता विशाल मिश्रा को जांच अधिकारी नामित किया गया। जांच अधिकारी की प्रथम दृष्टया जांच में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता पाई गई। जिस पर डीएम संजय कुमार सिंह ने 15 अक्टूबर को ग्राम प्रधान राशिद हुसैन के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए थे। प्रकरण की अंतिम जांच के लिए पीडी शैलेन व्यास और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को जांच अधिकारी नामित किया गया। वहीं तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा दोषी ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश चंद्र वर्मा को आरोप पत्र जारी करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू की गई। बीते दो दिसंबर को पीडी ने अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की।

ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण और अंतिम जांच आख्या का परिशीलन किया गया। जिसके बाद डीएम ने दोषी पाए गए ग्राम प्रधान राशिद हुसैन से 1,50898 रुपये एवं ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश चंद्र वर्मा से 1,50897 रुपये की रिकवरी करने के निर्देश दिए। जिसके बाद दोषी पाए गए ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा दुरुपयोगित धनराशि ग्राम निधि खाते में जमा कर दी गई। इधर डीएम संजय कुमार सिंह ने रिकवरी के बाद चेतावनी देते हुए ग्राम प्रधान राशिद हुसैन के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार बहाल कर दिया। वहीं उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को दोषी पाए गए ग्राम पंचायत अधिकारी से अपने स्तर से नियमानुसार दंडादेश पारित कर सेवा पुस्तिका में चस्पा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही डीएम ने ग्राम पंचायत में कराए जाने वाले कार्यों का सतत निरीक्षण करने और भुगतान की स्वीकृति अपने स्तर से देने के भी दिए हैं।

कार्य कराया नहीं, हजम कर लिए तीन लाख
ग्राम पंचायत रसायाखानपुर की अंतिम जांच में 03 लाख से अधिक रकम हड़पने का खुलासा गया। अंतिम जांच रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में साबरी मस्जिद से फकरूद्दीन के घर तक इंटरलॉकिंग सड़क एवं नाली निर्माण के स्थान पर इंटरलॉकिंग एवं नाली निर्माण में 1,46,027 रुपये धनराशि के दुरुपयोग की पुष्टि की गई। जांच में उक्त कार्य निर्धारित स्थल पर न होना पाया गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में ही रंगीले मियां के घर से इकराम के घर तक इंटरलॉकिंग एवं नाली निर्माण में 1,55,688 रुपये के अनियमित भुगतान की पुष्टि हुई। जांच के दौरान उक्त कार्य भी निर्धारित स्थल पर नहीं कराया जाना पाया गया। दोनों कार्यों की धनराशि के वाउचरों का मिलान करने पर व्यय वाउचर में धनराशि भी एक समान पाई गई।

जिलाधिकारी के निर्देश पर कराई गई अंतिम में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने पर दोषी ग्राम प्रधान एवं सचिव से दुरुपयोगित धनराशि की रिकवरी की गई है। जिलाधिकारी द्वारा चेतावनी के साथ ग्राम प्रधान के अधिकार बहाल किए गए हैं। सचिव के विरुद्ध भी कार्रवाई की गई है। - रोहित भारती, जिला पंचायत राज अधिकारी।