अयोध्या: जिले की गौशालाओं में नहीं है सर्दी से बचाव के इंतजाम 

शासन के निर्देश के बाद भी अभी तक नहीं की जा सकी है कोई व्यवस्था 

अयोध्या: जिले की गौशालाओं में नहीं है सर्दी से बचाव के इंतजाम 

बीमार पड़ रहे हैं गोवंश, चूनी चोकर तक का छाया है संकट 

अमृत विचार, अयोध्या। शासन के निर्देश के बाद भी अभी तक जिले भर में स्थापित गौशालाओं में गोवंशों को सर्दी से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं। जिसके चलते गोवंश लगातार बीमार पड़ रहे हैं। यही नहीं गौशालाओं में चूनी चोकर तक का संकट छाया है। यह हाल तब है जब गौशालाएं शासन की प्राथमिकता में शामिल हैं। सोमवार को 'अमृत विचार' की पड़ताल में गौशालाओं की बदहाल तस्वीर सामने आई। 

मिल्कीपुर संवाददाता के अनुसार ब्लाक में चार गौशाला स्थित है। यहां न ठंड से बचाव के इंतजाम हैं न ही चुनी चोकर और भूसा। यहां तक नांद में गोवंश के गोबर भरे हुए हैं। बाउंड्रीवाल न होने से गोवंश बाहर दिखे। रूदौली संवाददाता के अनुसार  रुदौली और मवई ब्लॉक क्षेत्र में कुल आठ अस्थाई  पशु आश्रय स्थल बने हैं, लेकिन इन गोशाला में सर्द हवाएं व कोहरे की धुंध गोवंशों को दर्द देने लगी है। कहीं भी सर्दी से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। गोवंश कहीं खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहीं तो कहीं टिन शेड के नीचे सर्द हवाओं से कांप रही हैं। 


बीडीओ अखिलेश गुप्त ने कहा कि सचिवों को व्यवस्था के निर्देश दिए गये हैं। हालांकि संडवा, सैमसी, सैदपुर, बिहारा व जैसुखपुर मिलाकर पांच गौशाला हैं। जैसुखपुर गौशाला में आए दिन गोवंशों की मौत हो रही है। हैदरगंज संवाददाता के अनुसार विकासखंड तारुन अंतर्गत बने गौशालाओं की स्थिति बद से बदतर है। कहीं भी अभी तक ठंड से बचाव के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। मजरे पंडित के पुरवा के पास गौशाला में  खाने-पीने के लिए चूनी चोकर आदि की समुचित व्यवस्था नहीं है।

एडीओ पंचायत तारुन उमाशंकर सिंह ने बताया कि संबंधित गौशालाओं  के सचिवों से बात करते हैं। जांच करके उचित कार्रवाई की जाएगी। गोसाईगंज संवाददाता के अनुसार नगर पंचायत के अधीन धारुपुर गांव में बने गौशाला में शासन के निर्देश पर जानवरों को ठंड से बचाने की कवायद शुरू हो गयी है। केयरटेकर जैसराज ने बताया कि गौशाला में मौजूद गोवंशों के रखरखाव के लिए थोड़ी बहुत मदद सरकार से मिल रही है। इसके अलावा अन्य गौशालाओं में अभी पशुओं को ठंड से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।

बीकापुर संवाददाता के अनुसार ब्लाक क्षेत्र में कुल चार गौशाला हैं। कान्हा गौशाला न्यूना पूरब, चौरे चंदौली, मजरुदीनपुर में आश्रय स्थलों में सर्दी से बचाव के मुकम्मल व्यवस्था न होने से गोवंशों की दुर्दशा हो रही है। टाट पट्टी, तिरपाल जरूरत के मुताबिक नहीं हैं। एडीओ पंचायत अजय तिवारी ने बताया कि समय-समय पर निराश्रित गोवंश स्थलों का निरीक्षण किया जाता है।

ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान को गौशाला में रह रहे पशुओं के रखरखाव और देखभाल का दिशा निर्देश दिया गया है। पूराबाजार संवाददाता के अनुसार विकासखंड पूरा बाजार में मात्र एक गौशाला कान्हा उपवन बैसिंह है। जिसमें कुल 2690 गोवंश है लेकिन ठंड से बचाव के लिए अभी तक कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। शेड तो बनाए गए हैं लेकिन बगल में खुले हैं दिन में धूप और रात को ओस और खुली हवा से जानवरों की तबीयत खराब हो सकती है।

मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव के मुताबिक, जाड़े को लेकर सभी खंड विकास अधिकारियों को गौशालाओं के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी कमी पाई जायेगी संबधित ग्राम पंचायत अधिकारी व केयर टेकर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को कहा गया है कि नियमित रूप से गोवंशों का परीक्षण कराया जाता रहे।

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