हल्द्वानी: जनता दरबार नहीं आए 'सरकार', जनता लौटी बिना गुहार

हल्द्वानी, अमृत विचार। सप्ताह के हर बुधवार को लगने वाला जिलाधिकारी का जनता दरबार इस बार नहीं लगा। डीएम के कैंप कार्यालय पर सुबह से ही फरियादी पहुंचने लगे, लेकिन न जिलाधिकारी पहुंचे और न ही अन्य विभागों के अधिकारी। जिले के दूर-दराज इलाकों से आए फरियादी घंटों इंतजार के बाद बैरंग लौट गए।
ऐसे ही एक फरियादी 18 किमी का सफर तय कर जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पहुंचे थे। फरियादी हरीश शर्मा ने बताया कि नैनीताल रोड से 10 किमी की दूरी पर भद्यूनी गांव है और उससे भी तीन किमी ऊपर उनका गांव है। यह पूरा रास्ता कच्चा है। उनके गांव में गुलदार का आतंक है और एक महिला की मौत भी हो चुकी है। उनके क्षेत्र के एसडीएम नैनीताल में बैठते हैं। शिकायत के लिए हल्द्वानी में जिला अधिकारी का कैंप कार्यालय नजदीक है। ऐसे में वह पूरे गांव वालों का हस्ताक्षर किया शिकायती पत्र लेकर जनता दरबार में आए थे और यहां आकर पता चला कि आज तो जिला अधिकारी नहीं हैं। हरीश शर्मा की ही तरह अन्य कई लोग दरबार में अपनी फरियादें लेकर पहुंचे, लेकिन बैरंग लौटना पड़ा।
12 बजे पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट, खड़े-खड़े सुनी शिकायत
जिलाधिकारी के इंतजार में हरीश शर्मा को 12 बज चुके थे। वह वापस लौट रहे थे कि तभी सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह का वाहन वहां पहुंचा। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने न सिर्फ हरीश शर्मा का शिकायत पत्र लिया, बल्कि पूरी समस्या सुनकर समाधान का भरोसा भी दिया। हालांकि 12 बजे तक जनता दरबार में आए लगभग सभी फरियादी लौट चुके थे।
शहर से बाहर हैं जिलाधिकारी, स्टाफ मौजूद है
जनता दरबार में जिला अधिकारी के न आने के सवाल पर सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि जिला अधिकारी आवश्यक कार्य की वजह से जिले से बाहर गए हैं। इसी वजह से वह जनता दरबार में उपस्थित नहीं हो सके। उनसे जब अन्य अधिकारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, जनता की शिकायत के लिए यहां स्टाफ मौजूद है।
न पूर्व सूचना दी, न की वैकल्पिक व्यवस्था की
जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों का कहना है कि किसी को कभी भी आवश्यक कार्य हो सकता है, लेकिन जब एक व्यवस्था बनी है तो स्वयं की गैरमौजूदगी में अधिकारियों को एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाकर रखनी चाहिए। अगर फिर भी जनता दरबार जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्थगित करने पड़े तो इसकी पूर्व में सूचना जनता को दी जानी चाहिए।