बलरामपुर: अक्षय नवमी परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब

बलरामपुर: अक्षय नवमी परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब

अमृत विचार,बलरामपुर। अक्षय नवमी पर निकले सप्तकोशी परिक्रमा में शामिल होने को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।बुधवार को झारखंडी मंदिर परिसर से निकली परिक्रमा का फीता खोलकर सदर विधायक पलटूराम, गेल्हापुर महंत वृजानंन्द महाराज,अक्षय नवमी समिति के अध्यक्ष रघुनाथ अग्रवाल, महामंत्री डॉ तुलसीश दुबे व भाजपा उपाध्यक्ष अजय सिंह पिंकू ने किया। साथ ही उन्होंने …

अमृत विचार,बलरामपुर। अक्षय नवमी पर निकले सप्तकोशी परिक्रमा में शामिल होने को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।बुधवार को झारखंडी मंदिर परिसर से निकली परिक्रमा का फीता खोलकर सदर विधायक पलटूराम, गेल्हापुर महंत वृजानंन्द महाराज,अक्षय नवमी समिति के अध्यक्ष रघुनाथ अग्रवाल, महामंत्री डॉ तुलसीश दुबे व भाजपा उपाध्यक्ष अजय सिंह पिंकू ने किया। साथ ही उन्होंने परिक्रमा की अगुवाई भी की।

जय सियाराम के उदघोष के साथ निकली सप्तकोशी परिक्रमा नगर के मुख्य बाजार होते हुए बड़े पुल से बिजलीपुर मंदिर पहुँची जहां श्रद्धालुओं ने मां बिजलेश्वरी देवी का दर्शन पूजन किया।यहां से यात्रा रानी तालाब,दीपवा बाग,नहर बाला गंज,धर्मपुर झारखंडेश्वर मंदिर होते हुए भगवतीगंज श्री हनुमान गोशाला पहुँची। जहां श्रद्धालुओं ने घण्टे भर विश्राम किया। उसके परिक्रमा नीलबाग पैलेस स्थित राधा-कृष्ण मंदिर पूजन किया।झारखंडी मंदिर में आरती के बाद परिक्रमा समाप्त हुई।

इससे पूर्व मंदिर में श्रद्धालुओं ने गौ दान व खिचड़ी का दान भी किया। यात्रा में भाजपा मीडिया प्रभारी डीपी सिंह,सरदार प्रीत पाल सिंह,पुजारी सोनू गिरी,लकी गुप्त,निशांत चौहान,विजय गुप्त,रविन्द्र गुप्त मौजूद रहे।इस कार्यक्रम में राज परिवार के साथ भाजपा नेता व समाजसेवी डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू,संजय शर्मा,बाबा विष्णु गिरी का सहयोग रहा। परिक्रमा में श्रद्धालुओं के सुरक्षा के लिए नगर कोतवाल संजय दूबे पुलिसफोर्स के साथ रहे।स्वास्थ्य विभाग से अरविंद मिश्र टीम के साथ मौजूद रहे।

आमजन के लिए खुला राज परिवार का मंदिर
नगर में एक ऐसा विशेष मंदिर है जो वर्ष में एक दिन आमजन भगवान की आराधना करते हैं। राज परिवार के इस मंदिर में लगभग डेढ़ सौ वर्ष से यह परंपरा कायम है। अक्षय नवमी के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पूजन के लिए पहुँचते हैं। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धालुओं की सप्तकोसी परिक्रमा तब तक अधूरी रहती है जब तक इस मंदिर में पूजा न कर लें।

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