Sambhal : जामा मस्जिद सदर की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा प्रबंध पुख्ता, असमाजिक तत्वों पर रखी जा रही खास निगाह

गिरफ्तारी से पहले कोतवाली बुला लिया था अतिरिक्त पुलिस बल, एसपी ने किया पैदल मार्च,

Sambhal : जामा मस्जिद सदर की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा प्रबंध पुख्ता, असमाजिक तत्वों पर रखी जा रही खास निगाह

संभल, अमृत विचार। संभल हिंसा मामले में जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अलर्ट है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ ही असमाजिक तत्वों पर खास निगाह रखी जा रही है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने संभल शहर में भारी पुलिस बल के साथ पैदल मार्च कर साफ संदेश दिया कि किसी ने शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने का प्रयास किया तो पुलिस सख्ती से जवाब देगी।

संभल हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी ने जामा मस्जिद सदर जफर अली की गिरफ्तारी के लिए कई दिन पहले से अपनी तैयारी पूरी कर रखी थी। जफर अली को मुकदमें में नामजद नहीं किया गया था बल्कि उनका नाम जांच के दौरान प्रकाश में आया। ऐसे में उन पर लगे आरोपों को लेकर कागजी कार्रवाई को गिरफ्तारी तक पहुंचा दिया गया था। शनिवार की रात दो घंटे तक कोतवाली में पूछताछ के बाद जफर अली एडवोकेट को वापस उनके घर भेज दिया गया था। इसकी वजह यह भी थी कि पुलिस उम्रदराज व बीमार जफर अली को रात भर थाने में रखने का जोखिम नहीं उठाना चाहती थी। 

रविवार सुबह को एसआईटी ने जफर अली को पूछताछ के लिए नोटिस थमाकर फिर से कोतवाली बुला लिया। जफर अली से बंद कमरे में पूछताछ के बीच जब कोतवाली में अतिरिक्त पुलिस बल का जमावड़ा शुरु हुआ तभी एहसास हो गया था कि जफर अली को गिरफ्तार किया जायेगा। पौने चार बजे जब जफर अली को अदालत में पेश करने के लिए कोतवाली से ले जाया गया उससे पहले कोतवाली कार्यालय से पुलिस जीप तक आरआरएफ जवानों की श्रंखला बना दी गई थी। सीओ संभल अनुज कुमार चौधरी व सीओ असमोली कुलदीप सिंह ने जफर अली को पुलिस जीप से अदालत के लिए रवाना कराया। हालांकि पूरे आपरेशन को अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश्चंद्र कोतवाली में मौजूद रहकर लीड कर रहे थे।

कोतवाली में रहा अधिवक्ताओं का जमावड़ा
जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट से मिलने के लिए उनके भाई ताहिर हुसैन एडवोकेट पहुंचे। कोतवाली कार्यालय में मुलाकात के दौरान ही जफर अली ने अपने भाई को अपनी गिरफ्तारी की बात बता दी। ताहिर हुसैन कार्यालय से बाहर आये तो उन्होंने शहर के अधिवक्ताओं को जफर अली की गिरफ्तारी हो जाने की बात बताई। इसके बाद एक के बाद एक,कोतवाली में अधिवक्ताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। इस बीच जब पुलिस जफर अली को अदालत में पेश करने के लिए लेकर रवाना हुई तो कोतवाली में इकटठा अधिवक्ता चंदौसी न्यायालय के लिए रवाना हो गये।

जफर अली बोले- पुलिस की पोल खोली इसलिए हुई गिरफ्तारी
चंदौसी न्यायालय में पेश किये जाने के बाद अदालत ने उन्हें जेल भेजने का आदेश जारी किया तो पुलिस वैन में बैठने से पहले जफर अली ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि मैंने पुलिस की पोल खोली इसलिए गिरफ्तारी की गई है। जफर अली बोले कि हिंसा के दौरान लड़कों को पुलिस ने मारा था। मैंने यह सच न्यायिक आयोग को शपथ पत्र देकर बताया तो मेरी गिरफ्तारी कर ली गई। इससे पहले संभल कोतवाली में जफर अली के भाई ताहिर हुसैन एडवोकेट ने भी कहा कि 24 मार्च को जफर अली न्यायिक आयोग के सामने जाकर संभल हिंसा का सच बताने वाले थे इसीलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। ताहिर हुसैन ने कहा कि 24 नवंबर को जो बात जफर अली ने प्रेस कांफ्रेंस में कही थी उस बात पर वह अब भी कायम हैं कि पुलिस ने गोली चलाई थी।

चंदौसी कचहरी में अधिवक्ताओं ने लगाये नारे
जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस चंदौसी अदालत में पेश करने के लिए पहुंची तो अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान अधिवक्ता एकता ज़िंदाबाद के नारे लगाए गए। अधिवक्ताओं ने जफर अली एडवोकेट की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए पुलिस पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया। हालात को देख कचहरी में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। पुलिस किसी तरह जफर अली को अदालत से जेल के लिए लेकर रवाना हुई।

पुलिस ने शहर में पैदल मार्च निकालकर दिया सख्ती का संदेश
जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार कर पुलिस अदालत में पेश करने के लिए चंदौसी के लिए रवाना हुई तभी पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई भी संभल पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक शंकर कालेज चौराहा पर पहुंचे जहां एडीएम प्रदीप वर्मा,एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा व सीओ अनुज कुमार चौधरी पुलिस,पीएसी व आरआरएफ जवानों के साथ पहले से मौजूद थे। शंकर कालेज चौराहा से एसपी ने पुलिस प्रशासनिक अमले के साथ पैदल मार्च किया। पुलिस ने साफ संदेश दिया कि किसी ने शांति व्यवस्था से खिलवाड़ का प्रयास किया तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि एसआईटी की जांच में जफर अली की संलिप्तता संभल हिंसा मामले में सामने आई तो साक्ष्यों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है।

जफर अली एडवोकेट पर कौन से हैं आरोप?

  • बीएनएस की धारा 191 (2)- बलवा
  • बीएनएस की धारा 191- घातक आयुधों से सुसज्जित होकर हमला करना
  • बीएनएस की धारा 190 - एक उद्देश्य से विधि विरूद्ध इकट्ठा होकर लोगों को संगठित करना
  • बीएनएस की धारा 221- लोकसेवक के कृत्यों के निर्वहन में बाधा डालना
  • बीएनएस की धारा 132- लोक सेवक को अपने कर्त्तव्य से रोकने के लिए हमला या बल प्रयोग करना
  • बीएनएस की धारा 125- दूसरों के जीवन में संकट उत्पन्न करना।
  • बीएनएस की धारा 324 (5), नुकसान करना 50 रुपये से अधिक का
  • बीएनएस की धारा 196 - भडकाऊ भाषण देना
  • बीएनएस की धारा 223 बी - लोकसेवक के निर्देशों का उल्लंघन करना
  • बीएनएस की धारा 326 एफ- विस्फोटक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना या क्षति करना।
  • बीएनएस की धारा 230- झूठी गवाही देना या झूठे साक्ष्य इकट्ठा करना
  • बीएनएस की धारा 231- झूठे साक्ष्य प्रदर्शित करना

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