लखीमपुर खीरी: एंटी करप्शन टीम से नोकझोंक, एपीओ की गिरफ्तारी पर कर्मचारियों का विरोध

लखीमपुर खीरी: एंटी करप्शन टीम से नोकझोंक, एपीओ की गिरफ्तारी पर कर्मचारियों का विरोध

गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार: ब्लॉक कुंभी कार्यालय परिसर में शनिवार को 50 हजार की रिश्वत लेते एपीओ को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा था। इसके बाद मनरेगा कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर एपीओ के समर्थन में आ गए। रविवार को मौजी नसीरुद्दीन भवन प्रांगण में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। प्रधानों का मानना है कि निष्पक्ष जांच हो तो ब्लॉक के अन्य अधिकारी, कर्मचारी और एक सफेदपोश नेता भी दायरे में आ सकतें हैं।

छितौनियां की ग्राम प्रधान रिंकी वर्मा ने अपनी पंचायत में ग्राम निधि से मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया था। आरोपी एपीओ मनरेगा मधुर गुप्ता कमीशन के तौर पर एक लाख 70 हजार रुपया मांग रहा था। कमीशन का पैसा न मिलने पर एपीओ ने भुगतान संबंधी कोई भी फाइल पास नहीं की, जिस पर उनके प्रतिनिधि विपिन कुमार ने एपीओ से 50 हजार में सौदा तय किया था, जिसकी जानकारी एंटी करप्शन टीम को भी दी थी।

एंटी करप्शन प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार और टीपी वर्मा ने टीम के साथ शनिवार दोपहर ब्लॉक कार्यालय पहुंचकर एपीओ को दबोच लिया। जिनके पास 50 हजार रुपया भी बरामद होने पर वह उन्हें लेकर फरधान थाना, फिर लखीमपुर के लिए चले गए। शाम के समय एंटी करप्शन के दो अधिकारी पुनः ब्लॉक में आए, जिन्होंने अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों से जानकारी हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन ब्लॉक का कोई कर्मचारी जुबान नहीं खोल सका।

ब्लॉक क्षेत्र के तमाम प्रधान बताते हैं कि मनरेगा में एपीओ मधुर गुप्ता अधिकांश प्रधानों से विकास कार्यां में कमीशन वसूलते रहे हैं। जिन पर ब्लॉक के अधिकारियों और एक सफेदपोश नेता का हाथ होने से प्रधानों द्वारा की गई शिकायत की जांच नहीं की गई, बल्कि उल्टे प्रधानों को ही धमकाया गया। प्रधानों का मानना है कि पूरे मामले की निश्पक्ष जांच कराई जाए तो ब्लॉक के अन्य अधिकारी और सफेदपोश नेता के कारनामों की कलई खुल सकती है।

उधर, रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एपीओ के समर्थन में तमाम लोग शनिवार की रात थाना फरधान पहुंचे। उनकी एंटी करप्शन टीम के साथ नोकझोंक हुई। एपीओ की गिरफ्तारी से नाराज मनरेगा योजना के अंतर्गत तैनात सभी एपीओ, रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर लखीमपुर शहर के बिलोबी हाल में पहुंचे और एंटी करप्शन टीम का विरोध करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। एपीओ संघ के अध्यक्ष सुमित कुमार पाल ने बताया कि एंटी करप्शन टीम ने एपीओ गोला मधुर गुप्ता को फर्जी फसाया गया है। पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

पहले भी पकड़े जा चुके हैं अधिकारी व कर्मचारी
जिले में एंटी करप्शन द्वारा एपीओ को पकड़े जाने की कार्रवाई कोई पहली नहीं है। टीम ने इससे पहले नवंबर 2024 को सिंगाही के लेखपाल जगदीश प्रसाद को 50 हजार रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। दरअसल सिंगाही में राजा प्रताप विक्रम शाह इंटर कॉलेज के भवन निर्माण को 74 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी। जिसमें से पहली किस्त के 29 लाख रुपये मिल गए थे। इन रुपयों से कराए गए निर्माण कार्य का सत्यापन होना था।

इसके लिए लेखपाल कॉलेज के प्रबंधक संजय तिवारी से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। प्रबंधक की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को उपनिबंधक कार्यालय के पास से रुपये लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं। 

ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: डिपो की 15 कंडम बसों की होगी नीलामी, बीएस 6 बसे संचालित