बरेली: संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत

बरेली,अमृत विचार। विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह और दस्तक अभियान की बुधवार को शुरुआत हुई। सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ आशा कार्यकर्ता गांव-गांव तक कोरोना वायरस, मलेरिया, डेंगू औरह संक्रामक रोगों से बचने के लिए जागरूकता फैलाएंगी। मीरगंज के फतेहगंज पश्चिमी के साही इलाके में मलेरिया और डेंगू का ज्यादा खतरा रहता है। मीरगंज …

बरेली,अमृत विचार। विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह और दस्तक अभियान की बुधवार को शुरुआत हुई। सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ आशा कार्यकर्ता गांव-गांव तक कोरोना वायरस, मलेरिया, डेंगू औरह संक्रामक रोगों से बचने के लिए जागरूकता फैलाएंगी। मीरगंज के फतेहगंज पश्चिमी के साही इलाके में मलेरिया और डेंगू का ज्यादा खतरा रहता है।

मीरगंज सीएचसी में संचारी रोग नियंत्रण माह के उद्घाटन के मौके पर विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने कहा कि इन बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। सोने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि मीरगंज में प्रधान नाली और पानी भरे इलाकों में एंटी लार्वा दवाइयां डलवाना सुनिश्चित करें। साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। इन इलाकों में बढ़ रहे मलेरिया और डेंगू को नियंत्रण में रखा जा सके।

डॉ. डीसी वर्मा ने फागिंग टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीत शुक्ला ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा| इस अभियान के दौरान फ्रंट लाईन वर्कर्स न तो किसी का दरवाज़ा छुएंगे और न ही कुंडी खटखटाएंगे। बस सन्देश और स्टीकर के ज़रिए ही दस्तक दी जाएगी। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि अपने इलाके में गंदे पानी का जमाव न होने दें।

डीएमओ पंकज जैन ने कहा कि दो तरीके का मलेरिया होता है। पीवी(प्लाजमोडियम वाईवेक्स) में 14 दिन तक मरीज को दवा खाने के लिए कहा जाता है। उसे अपनी डोज पूरी करनी चाहिए, क्योंकि वह बीच में ही अपनी दवा बंद करता है तो उसके शरीर में मलेरिया के पैरासाइट रहते हैं। इसके बाद अगर उसे मच्छर काटता है और उसके बाद दूसरे को वही मच्छर काटे तो मलेरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। पीएफ (प्लाजमोडियम फालसीफेरम) में तीन दिन के लिए दवा दी जाती है।

इन बातों का रखें खास ध्यान
– डेंगू मच्छर दिन में काटते हैं। वह कृत्रिम रूप से इकट्ठा हुए पानी में पनपते हैं।
– जापानी बुखार और फाइलेरिया के मच्छर रात में काटते हैं और रुके हुए पानी में पनपते हैं।
– मलेरिया के मच्छर शाम से सुबह तक काटते हैं। वह साफ ठहरे हुए पानी में पनपते हैं।