बरेली: विरासत में दर्ज होने के बाद करीब 15 हजार बने किसान

बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने के लिए कई लोग गलत तरीके से किसान बनकर योजना का लाभ उठाने लगे थे। फरवरी 2021 के बाद भूमि अपने पुत्र के नाम करने वाले किसी भी व्यक्ति को सम्मान निधि न दिए जाने के आदेश हुआ था। मात्र किसान की मृत्यु के बाद आश्रित को …

बरेली, अमृत विचार। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने के लिए कई लोग गलत तरीके से किसान बनकर योजना का लाभ उठाने लगे थे। फरवरी 2021 के बाद भूमि अपने पुत्र के नाम करने वाले किसी भी व्यक्ति को सम्मान निधि न दिए जाने के आदेश हुआ था। मात्र किसान की मृत्यु के बाद आश्रित को विरासत में जमीन मिलने पर ही किसान माने जाने के लिए कहा गया था। 2021 के बाद 15 हजार नए किसान बने हैं, जिन्हें सम्मान निधि दी जा रही है।

योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक मदद के तौर पर सालाना 6000 रुपये उनके बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर करती है। सरकार ने कोरोना संक्रमण के बाद अब इस योजना के कुछ नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। 1 फरवरी 2021 के बाद केवल उन किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा जो विरासत के आधार पर किसान बने हैं।

मृतक किसानों के नाम पर नहीं मिलेगा लाभ

उपकृषि निदेशक दीदार सिंह ने बताया कि योजना के लिए जो नए ऑनलाइन आवेदन मिल रहे हैं, उनमें अधिकांश लाभार्थी किसान ऐसे हैं जो योजना शुरू होने के बाद विरासत के आधार पर किसान बने हैं, जो विरासत के आधार पर नए किसान बने हैं, उनका सत्यापन कराया जा रहा है। मृतक किसानों की अगली सभी किस्तें बंद कर दी जाएंगी।

वेरिफिकेशन में लागू होगा यह नियम

वेरिफिकेशन के समय इसकी भी जांच की जा रही है कि, आवेदकों को कृषि भूमि विरासत में मिली है या फिर वे योजना शुरू होने के बाद किसान बने हैं। अगर आवेदक के पिता योजना के लाभार्थी थे तो उनके पीएम किसान आईडी और आधार संख्या की डिटेल देनी होगी। जिसके बाद ही आवेदक को योजना का लाभ मिल सकेगा।

किसान के मृत होने के बाद विरासत में दर्ज होने के बाद करीब 15 हजार नये किसान बने हैं, उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा। – दीदार सिंह, उपकृषि निदेशक

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