लखनऊ: लापरवाही व रिश्वतखोरी में पांच होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों पर गिर सकती है गाज

लखनऊ: लापरवाही व रिश्वतखोरी में पांच होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों पर गिर सकती है गाज

अमृत विचार ब्यूरो/लखनऊ। काम में लापरवाही और रिश्वतखोरी के मामले में प्रदेश के पांच होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों पर कभी भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। इसमें अयोध्या व ललितपुर के चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है, जबकि तीन अन्य चिकित्साधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार की जा …

अमृत विचार ब्यूरो/लखनऊ। काम में लापरवाही और रिश्वतखोरी के मामले में प्रदेश के पांच होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों पर कभी भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है। इसमें अयोध्या व ललितपुर के चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा जा चुका है, जबकि तीन अन्य चिकित्साधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

दरअसल, पिछले दिनों होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों की ड्यूटी पर न आने की शिकायतें लगातार मिल रही थी। जिस पर रोक लगाने और दोषी चिकित्सकों को चिन्हित करने के लिए होम्योपैथिक निदेशालय से सभी अस्पतालों में वीडियो काल के जरिये चिकित्सकों की उपस्थिति की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पता चला कि कई अस्पतालों से चिकित्सक ड्यूटी के दौरान गायब रहते हैं।

इसके बाद चिकित्सकों की उपस्थिति की निगरानी करने में नाकाम रहे मिर्जापुर और बरेली मंडल के मुख्य चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी अयोध्या, ललितपुर और कुशीनगर पर गंभीर आरोप लगे हैं। इन पर कार्य में लापरवाही बरतने के साथ ही चिकित्सकों व अन्य कर्मचारियों से रिश्वत ले कर उपस्थिति पंजिका में उपस्थित दिखाने के भी आरोप हैं।

इस संबंध में अयोध्या और ललितपुर के चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश शासन से की गई है। जबकि कुशीनगर के चिकित्सक पर मृतक आश्रित को नौकरी देने के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप में जवाब-तलब किया गया है। इसी तरह अस्पताल से गायब रहने वाले आधा दर्जन से अधिक होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों को चेतावनी भी दी गई है।

निदेशक होम्योपैथी प्रो. अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सभी होम्योपैथिक चिकित्साधिकारियों को कार्यप्रणाली सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। जिनके खिलाफ शिकायतें मिली थीं, उसकी जांच कराई गई है। दो चिकित्साधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया है। अन्य की जांच चल रही है। जहां भी शिकायत मिलेगी तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

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