लखनऊः केंद्रीय विद्यालय और नवोदय में में निकली शिक्षकों की भर्ती, जल्द करें अप्लाई
लखनऊ, अमृत विचार: केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय में कला शिक्षकों की अर्हता में बदलाव किया गया है। अब कला शिक्षकों को भी बीएड होना अनिवार्य होगा। इससे फाइन आर्ट्स के छात्रों में नाराजगी है। दोनों विद्यालयों में कला संवर्ग के भर्ती के लिए 20 मार्च को विज्ञापन जारी किया गया है। जिसमें छात्रों को बीएड की अनिवार्यता कर दी गई है। पहले फाइन आर्ट्स से स्नातक या परास्नातक के छात्र-छात्राएं इन भर्ती परीक्षाओं में सीधे शामिल हो सकते थे। नए नियम के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय व प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स और मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स करने वालों हजारों छात्र वंचित हो गए हैं।
अब तक विभिन्न स्तरों पर निकलने वाले कला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बीएड की अनिवार्यता नहीं थी। फाइनेंस जैसे विषय से स्नातक या परास्नातक करने वाले छात्रों को सीधे आवेदन का मौका दिया जाता था। लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों का कहना है कि अचानक से एनवीएस (नवोदय विद्यालय संगठन) और केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) ने बिना किसी पूर्ण सूचना के बीएड की अनिवार्यता को लागू कर दिया है। नाराज छात्रों का कहना है कि केवीएस और एनवीएस में लंबे समय बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। जो छात्र बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स व मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स का कोर्स पूरा किए थे, वह समय रहते बीएड कर लेते। लेकिन नया नियम अचानक से लागू कर दिया गया है।
फाइन आर्ट में बीएड का टोंटा
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र विकास, विनय और खुशी कहते हैं कि प्रदेश में ऐसा कोई भी विश्वविद्यालय नहीं है, जो फाइन आर्ट्स जैसे विषय में बीएड कोर्स करता हो। अब बीएड की अनिवार्यता के कारण, छात्रों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। आमतौर पर बीएड कोर्स, आर्ट और कॉमर्स साइंस जैसे प्रमुख विषयों में ही स्पेशलाइजेशन कराता है।
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