उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा आयोग में गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच की जाए : यशपाल आर्य

उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा आयोग में गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच की जाए : यशपाल आर्य

हल्द्वानी, अमृत विचार। कांग्रेस ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। साथ ही आयोग के खिलाफ एसआईटी की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में सरकारी सेवा ही रोजगार का आधार है। वर्तमान …

हल्द्वानी, अमृत विचार। कांग्रेस ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। साथ ही आयोग के खिलाफ एसआईटी की गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में सरकारी सेवा ही रोजगार का आधार है। वर्तमान में राज्य में 14 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं जबकि एक लाख पद रिक्त हैं। इनमें अधिकांश पदों पर नियुक्ति अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए होती है। इस आयोग की पिछले कुछ वर्षों में आयोजित कराई परीक्षा विवादों में रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा में घोटाले की सूचना पर ही जांच बिठा दी थी और ओएमआर शीट में गड़बड़ी मिलने पर परीक्षा को निरस्त कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। वहीं, भाजपा शासन में तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री स्व. प्रकाश पंत ने जांच रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखकर कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उस रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यूपीसीएल/पिटकुल में जेई की भर्ती की परीक्षा निकाली इसमें 66 बच्चे एक ही कोचिंग संस्थान के थे। हरिद्वार डीएम की जांच में गड़बड़ी मिली तो यह परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। हाल ही में आयोग ने सहायक लेखाकार परीक्षा आयोजित कराई। इस परीक्षा को मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले की आरोपी और उत्तर प्रदेश में भी चार्जशीटेड संस्था एनएसईआईटी द्वारा आयोजित कराने का बेरोजगारों ने विरोध किया तो उन्हें नोटिस भेजे गए। इस परीक्षा को भी रद्द करना पड़ा। वन दरोगा परीक्षा में भी 80 हजार अभ्यर्थियों की परीक्षा 18 पाली में हुई। यहां भी 1800 में 332 प्रश्न गलत थे। यही हाल फॉरेस्ट गार्ड की परीक्षा का भी था। एसआईटी जांच में 57 लड़कों ने ब्लूटूथ से नकल करने की पुष्टि हुई। इनमें 47 पकड़े गए, उन्हें अयोग्य घोषित किया गया। इनमें 10 बच्चे हाईकोर्ट गए जहां आयोग ने पार्टी बनने से इंकार कर दिया। इस पर हाईकोर्ट ने इन्हें राहत दे दी। आर्य ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बेरोजगारी देखते हुए सरकारी भर्तियां पारदर्शी ढंग से कराई जाए। उद्योग-धंधों में 70 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय युवाओं के लिए हो। साथ ही आयोग में घोटाले व गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की जाए।