लखनऊ : असल जिंदगी के विलेन सोशल मीडिया पर हीरो…जानें कौन है ये लोग

लखनऊ : असल जिंदगी के विलेन सोशल मीडिया पर हीरो…जानें कौन है ये लोग

लखनऊ । नब्बे के दशक मुम्बई में हुए सीरियल ब्लास्ट बाद फरार हो चुके अन्डरवर्ल्ड माफिया शेख दाउद इब्राहीम कास्कर की तलाश आज भी कई मुल्कों की पुलिस और खुफिया एजेंसी कर रही है। इसके बाद भी पुलिस को नाकामी मिली। वहीं यूपी पुलिस के सहयोग से स्पेशल टास्क फोर्स ने कुख्यात अपराधियों के गिरोह …

लखनऊ । नब्बे के दशक मुम्बई में हुए सीरियल ब्लास्ट बाद फरार हो चुके अन्डरवर्ल्ड माफिया शेख दाउद इब्राहीम कास्कर की तलाश आज भी कई मुल्कों की पुलिस और खुफिया एजेंसी कर रही है। इसके बाद भी पुलिस को नाकामी मिली। वहीं यूपी पुलिस के सहयोग से स्पेशल टास्क फोर्स ने कुख्यात अपराधियों के गिरोह को एक-एक कर एनकांउटर में मार गिराया, तो कुछ बाहुबलियों का तिलिस्म तोड़कर जेल में बंद कर दिया है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में माफियाओं का अपराधिक इतिहास सुनकर लोग सिहर जाते थे। आज इन माफियाओं के समर्थकों की तादाद सोशल मीडिया पर बढ़ती जा रही है। वह माफियाओं के लाइक पेज के साथ उनकी फोटो के बने अकाउंट को शेयर कर जरायम की जड़े मजबूत कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है अपराधा नियंत्रण का दावा करने वाली पुलिस या साइबर सेल इस संज्ञान से कोसों दूर है।

डॉन के दर्जन भर से ज्यादा हैं अकाउंट

सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993 के मुम्बई सीरियल ब्लास्ट में दाऊद इब्राहिम और उसके भाई अनीस इब्राहिम को साज़िशकर्ता करार कर दिया था। सीरियल ब्लास्ट में करीब 257 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई, जबकि 700 से ज़्यादा लोग जख्मी हुए थे।

इस घटना के बाद यूएस गर्वमेंट ने फौरन दाउद इब्राहिम व उसके साथियों का नाम विश्वस्तरीय आतंकवादियों के समर्थकों की लिस्‍ट में डाल दिया था। हांलाकि, आज भी कई देशों की खुफिया एजेंसी दाऊद के ठिकाने का सुराग लगा नहीं पाइ है। तो वहीं यूर्जस माफिया की प्रोफाइल पिक्चर के साथ बने पेज और अकाउंट को शेयर कर रहे हैं।

यदि आप फेसबुक पर दाऊद इब्राहीम का नाम सर्च करें तो दो दर्जन भर से ज्यादा माफिया की फोटो लगी प्रोफाइल दिखाई देने लगती है।

माफिया के स्टाइल को कर रहे प्रमोट

यूपी पुलिस के सहयोग से स्पेशल टास्क फोर्स ने 23 सितम्बर 1998 को गाजियाबाद बार्डर पर श्रीप्रकाश शुक्ला को शूटआउट में मार गिराया था, मगर आज वह सोशल मीडिया पर हीरो बना हुआ है।

राजधानी लखनऊ के अलावा गोरखपुर, बस्ती, गाजियाबाद, गोंडा जिले से फेसबुक पर डेढ दर्जन श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम से अकाउंट एक्टिव हैं। यूर्जस माफिया की प्रोफाइल पिक्चर के साथ अवैध असलहों की फोटो भी शेयर कर रहे हैं। एक तरह से यूर्जस माफिया के स्टाइल को प्रोमोट भी कर रहे हैं।

वहीं साल 2018 में यूपी की बागपत जेल में बंद मुन्ना बजरंगी की कई राउंड गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फेसबुक पर यूर्जस ने मुन्ना बजंरगी यूथ बिग्रेड के नाम से पेज भी तैयार किया है। यही नहीं मुन्ना बजरंगी प्रोफाइल फोटो के साथ फेसबुक पर आधा एक्टिव हैं। जिन पर पुलिस अधिकारियों की नजर नहीं हैं।

जेल में बंद है माफिया

वहीं गुजरात की साबरमती जेल में बंद पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद पर हत्या, हत्या की साजिश, जानलेवा हमला, गैंगस्टर, लूट, आर्म्स एक्ट, ठगी, फर्जीवाड़ा करना, जमीन-मकान कब्जा करने समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। फेसबुक पर यूर्जस ने अतीक अहमद यूथ बिग्रेड के नाम से छह लाइक पेज बनाए हैं। जो पूरी तरह से सक्रिय हैं।

इसके कुल 12 हजार से ज्यादा फ्लोवर हैं। इलाके अलावा यूर्जस ने माफिया की प्रोफाइल पिक्चर के साथ करीब एक दर्जन अकाउंट भी बनाया है। व

र्तमान बांदा की सेंट्रल जेल में बंद मुख्तार अंसारी पर हत्या, अपहरण और एक्सटॉर्शन जैसे 40 से ज्यादा संगीन मुकदमें दर्ज है। प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी का तिलिस्म ज़मींदोज़ कर दिया लेकिन फेसबुक पर यूर्जस ने विस.जहूराबाद गाजीपुर, मुख्तार अंसारी बिग्रेड इलाहाबाद और मुख्तार अंसारी विधायक मऊ के नाम से लाइक पेज और माफिया की फोटो के साथ छह फेसबुक अकाउंट भी बनाया हैं।

शिकायत का इंतजार कर रही साइबर सेल

इस मामले एसीपी साइबर सेल दिलीप सिंह का कहना है कि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है। जिस वजह से इन लाइक पेज और प्रोफाइल पर निगरानी की जा सके। अगर इन पेज से कोई गलत गतिविधि होती है और उनकी शिकायत आती है। तब साइबर क्राइम सेल इन अकांउट और लाइक पेज पर कार्रवाई करती है। हालांकि, अभी तक इन पेज को बंद कराने के लिए किसी प्रकार की शिकायत नहीं आई है।

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