अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस : सर्वाइकल व ज्वाइंट पेन में योग से मिल रही राहत, दर्दनिवारक दवाओं से कई मरीजों को मिला छुटकारा

लखनऊ। आधुनिकता के इस दौर में कई ऐसी बीमारियां हैं जो कुछ साल पहले तक बीमारी की श्रेणी में गिनी ही नहीं जाती थी, लेकिन आज लोगों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं, जी हां जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन ऐसी ही शरीरिक समस्या है जो बेहद ही दर्दनाक होती …
लखनऊ। आधुनिकता के इस दौर में कई ऐसी बीमारियां हैं जो कुछ साल पहले तक बीमारी की श्रेणी में गिनी ही नहीं जाती थी, लेकिन आज लोगों के जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं, जी हां जॉइंट पेन, बैक पेन, सर्वाइकल पेन ऐसी ही शरीरिक समस्या है जो बेहद ही दर्दनाक होती हैं, इस समस्या को देखने वाला समझ नहीं पाता और झेलने वाला इस दर्द को बयान नहीं कर सकता।
ये समस्याएं आम हैं लेकिन सिर्फ उनके लिए जो अभी तक इसकी चपेट में नहीं आये हैं, वहीं जो इस दर्द के साथ जीते हैं उनके लिए हर एक पल काटना भारी हो जाता है। लेकिन अब इस दर्द से भी लोगों को छुटकारा मिल रहा है,वह भी बिना दर्द की दवाओं के और यह सबकुछ संभव हो रहा है योगाभ्यास से।
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के लिए आये कई ऐसे मरीजों को योगाभ्यास से लाभ मिला है,जो दर्दनिवारक दवाओं के साथ जीवन जी रहे थे, आज उनकों दर्द निवारक दवाओं से छुटकार मिलने के साथ ही उनके जीवन की गुणवत्ता भी अच्छी हुयी है।
लोहिया संस्थान के योग विशेषज्ञ ओम नारायण अवस्थी बताते हैं कि जब से योग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है,तब से लोग स्वास्थ्य को लेकर बेहतर अनुभव भी कर रहे हैं। कल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस सभी जगह मनाया जायेगा,उन्होंने बताया कि इस बार की थीम सम्पूर्ण मानवाता के लिए योग, जिसमें सभी योगाभ्यास करेंगे और स्वस्थ रहेंगे।
उन्होंने बताया कि जो शख्स नियमित रूप से योग अभ्यास करेगा,उसका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, योगाभ्यास के लिए सबसे ज्यादा जरूरी दिनचर्या को नियमित बनाना है,सुबह का योगाभ्यास सबसे बेहतर माना जाता है, जो लोग सुबह आवश्यक कार्यों से निवृत्त होने के बाद योग का अभ्यास करते हैं। उनके शरीर को ज्यादा लाभ होता है।
यदि समय की कमी है तो योगाभ्यास शाम के वक्त भी किया जा सकता है, इसके अलावा यदि शरीर में दर्द है तो दोपहर के समय भी योग का अभ्यास कर सकते हैं। बहुत सारे मरीज सर्वाइकल व कमर दर्द की शिकायत लेकर आते हैं, लेकिन महज एक सप्ताह के योगाभ्यास के बाद ही उन्हें समस्या से करीब 70 प्रतिशत लाभ मिल जाता है। इतना ही नहीं नियमित अभ्यास करने से दर्द निवारक दवाओं से छूटकारा तक मिल गया है।
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