हरदोई: अवैध रुप से संचालित 2 क्लीनिक सीज, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की कार्रवाई से झोलाछाप डॉक्टर्स में मचा हड़कम्प

पाली/हरदोई। झोलाछाप चिकित्सकों की लगातार मिल रहीं शिकायतों पर पीएचसी पाली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद कुमार शुक्ला ने शनिवार को क्षेत्र में झोलाछापों के क्लिनिकों पर छापामार कार्रवाई कर दो क्लिनिकों को सीज कर दिया, जबकि तमाम झोलाछाप चिकित्सक इस कार्यवाही की सूचना से अपने-अपने क्लीनिक और दुकानें बंद करके भाग गए। भरखनी …
पाली/हरदोई। झोलाछाप चिकित्सकों की लगातार मिल रहीं शिकायतों पर पीएचसी पाली के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आनंद कुमार शुक्ला ने शनिवार को क्षेत्र में झोलाछापों के क्लिनिकों पर छापामार कार्रवाई कर दो क्लिनिकों को सीज कर दिया, जबकि तमाम झोलाछाप चिकित्सक इस कार्यवाही की सूचना से अपने-अपने क्लीनिक और दुकानें बंद करके भाग गए।
भरखनी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद कुमार शुक्ला ने झोलाछाप चिकित्सकों की मिल रही शिकायतों के मद्देनजर शनिवार को झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा संचालित फर्जी क्लीनिकों पर छापा मारा और इस कार्रवाई से क्षेत्र के झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कंप मच गया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की छापामार कार्रवाई की सूचना से तमाम झोलाछाप चिकित्सक अपने क्लीनिक और दुकानें बंद करके भाग निकले।
डाक्टर आनंद कुमार शुक्ला ने बताया कि क्षेत्र के रूपापुर में रामलखन सिंह द्वारा संचालित क्लीनिक पर छापा मारा गया यहां राम लखन द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था, उनके द्वारा मरीजों को ग्लूकोज की बोतल लगाई गई थी और उन्हें इंजेक्शन लगाए जा रहा था एवं दवाइयां दी जा रही थी। जब उनसे उनकी डिग्री और क्लीनिक संचालन हेतु वैद्य दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो उनके पास कुछ नहीं निकला। जिसके बाद रामलखन के क्लीनिक को सील कर दिया गया।
इसी तरह पाली के बस अड्डा क्लीनिक पर छापा मारा गया जहां एक व्यक्ति लोगों को दांतों की जांच कर इलाज करता हुआ पाया गया। उससे भी क्लीनिक संचालन और चिकित्सा की डिग्री संबंधित दस्तावेज मांगे पर वह दस्तावेज नहीं दिखा पाया, जिसके बाद उसके क्लीनिक को भी सील कर दिया गया। उन्होंने बताया कि शासन एवं प्रशासन की मंशा रोग झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्यवाही की जा रहे है।
वहीं विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि रूपापुर में आयुष्मान क्लीनिक पर भी डॉ आनंद कुमार शुक्ला ने छापा मारा था पर उसे छोड़ दिया गया। डॉक्टर से पूछने पर पता चला कि उसके पास वैध दस्तावेज थे, जबकि डॉ आनंद कुमार शुक्ला का ही कहना है कि भरखनी क्षेत्र में कुल 2 ही क्लीनिक पंजीकृत हैं जिनमें आयुष्मान क्लीनिक शामिल नहीं है। फिर उसके पास कौन से वैद्य दस्तावेज थे यह भी एक बड़ा प्रश्न है।
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