Punjab Elections 2022: चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी दिल्ली विश्वविद्यालय की नौकरी…

Punjab Elections 2022: चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी दिल्ली विश्वविद्यालय की नौकरी…

चंडीगढ़। दिल्ली के एक कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य की व्याख्याता अनुरूप कौर संधू ने किसान आंदोलन का हिस्सा बनने के बाद राजनीति में आने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और संयुक्त समाज मोर्चा के टिकट पर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) बलबीर सिंह राजेवाल की अध्यक्षता में 117 सदस्यीय …

चंडीगढ़। दिल्ली के एक कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य की व्याख्याता अनुरूप कौर संधू ने किसान आंदोलन का हिस्सा बनने के बाद राजनीति में आने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और संयुक्त समाज मोर्चा के टिकट पर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। संयुक्त समाज मोर्चा (एसएसएम) बलबीर सिंह राजेवाल की अध्यक्षता में 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा के चुनाव के लिए दिसंबर 2021 में बना 22 किसान संघों का एक राजनीतिक मंच है।

20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव के लिए इसने किसानों, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और डॉक्टरों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। कौर ने कहा कि किसान आंदोलन के साथ जुड़ने और एसएसएम के गठन के बाद उन्होंने मुक्तसर से टिकट के लिए आवेदन किया था और उनका चयन कर लिया गया।

वह इन दिनों विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रूप से प्रचार कर रही हैं। केंद्र के कृषि कानूनों (अब निरस्त) के खिलाफ किसानों के आंदोलन के दौरान संधू संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के संपर्क में आईं और दिल्ली की सीमाओं पर विरोध स्थलों का दौरा किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलन के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की।

संधू ने कहा कि ‘किसानों से मेरा गहरा जुड़ाव रहा है और मैं इस बात से चिंतित थी कि परंपरागत पार्टियों के कारण किसानों को एक साल से अधिक समय तक सड़कों पर बैठना पड़ा और कई लोगों की जान भी चली गई। मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया ताकि मैं उनकी आवाज को और अधिक प्रभावी ढंग से उठा सकूं।

यह पूछे जाने पर कि अगर एसएसएम नहीं बना होता तो क्या वह चुनाव लड़तीं, संधू ने कहा कि ‘चुनाव करीब आ गए थे और मैं किसानों की ओर से इस आंदोलन से जुड़ी थी, मैं केवल तभी चुनाव लड़ती अगर किसानों या कार्यकर्ताओं की कोई पार्टी होती। संधू दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाती थीं।

संधू ने कहा कि ‘मैंने चुनाव लड़ने के लिए हाल में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। ‘डीयू से तुलनात्मक भारतीय साहित्य में एमफिल कर रही संधू ने अपने ब्लॉग ‘ह्यूमन कॉस्ट ऑफ फार्मर्स प्रोटेस्ट’ में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की सूची तैयार की है।

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