यूपी चुनाव 2022: सुल्तानपुर में भाजपा के सस्पेंस से विपक्षी दलों में बेचैनी

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में विधानसभा चुनाव के लिये जारी नामांकन प्रक्रिया के पांचवें दिन शनिवार को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन विधानसभाओं में अपने पत्ते नहीं खोले है, जिसके कारण विपक्षी दलों में नामांकन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुयी है। पांच विधानसभा सीटों के लिये जिले में पांचवें …
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में विधानसभा चुनाव के लिये जारी नामांकन प्रक्रिया के पांचवें दिन शनिवार को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीन विधानसभाओं में अपने पत्ते नहीं खोले है, जिसके कारण विपक्षी दलों में नामांकन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुयी है। पांच विधानसभा सीटों के लिये जिले में पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होगा।
समाजवादी पार्टी (सपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने सभी पांच सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है जबकि भाजपा ने कादीपुर सुरक्षित सीट पर मौजूदा विधायक राजेज़ह गौतम पर भरोसा बरकरार रखा है तथा पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्र सदर (जयसिंहपुर) सीट पर सहयोगी निषाद पार्टी के राज प्रसाद उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित किया हैं। इन पांच सीटों में से चार पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है जबकि इसौली सीट पर सपा ने अपने मौजूदा विधायक अबरार अहमद का टिकट काट कर बसपा से सपा में आये पूर्व सांसद मोहम्मद ताहिर को मौका दिया है।
भाजपा ने अपने कब्जे वाली लंभुआ, सुलतानपुर सीट के अलावा इसौली में फिलहाल सस्पेंस बरकरार रखा है। सपा के दो उम्मीदवार अपना नामांकन भी दाखिल कर चुके हैं, हालांकि बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के नामांकन का इंतजार है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार टिकट देने में हो रही लेट लतीफी इस बात का संकेत है कि भाजपा अपने मौजूदा दो विधायकों की जगह नये चेहरों की तलाश में है, वहीं इसौली को सपा के कब्जे से छीनने के लिये भी असरदार व्यक्तित्व को चुनावी रणक्षेत्र में उतारा जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि लम्भुआ विधानसभा क्षेत्र में रेलवे से वीआरएस लेकर राजनीति में उतरने के बाद विधायक बने देवमणि द्विवेदी का टिकट काट कर किसी पिछड़ी जाति के व्यक्ति को टिकट दिये जाने की चर्चा है। इसी तरह सुलतानपुर सीट पर दो दिन पहले तक आईपीएस राजेश्वर सिंह को टिकट मिलने की चर्चा थी, मगर अब जब उन्हें लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा से टिकट मिल गया तो मौजूदा विधायक के पुत्र रूपेश सिंह काे संघ से ज्यादा नजदीकी होने के नाते टिकट मिलने की चर्चा है। उनके पिता एवं वर्तमान विधायक के काल में हालांकि काम कम होने की शिकायत के कारण श्री रूपेश सिंह को टिकट मिलना पक्का नहीं माना जा रहा हैं।
पूर्व चेयरमैन वैश्य प्रवीण कुमार अग्रवाल का टिकट ज्यादा पक्का माना जा रहा है क्योंकि इनका टिकट पिछली बार भी कट गया था और शहरी वैश्य वर्ग की बहुलता के चलते इस बार पक्का माना जा रहा है। सूत्र तो यहां तक बताते है कि दो की लड़ाई में किसी ऐसे तीसरे का भाग्य खुल सकता है जिसकी लोगों को उम्मीद भी नही हैं। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की तीनों लंभुआ, इसौली और सुलतानपुर सीट पर संस्पेंस बरकरार है, जो लोगों में ऊहापोह की स्थिति पैदा किये हुए हैं।
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