बरेली: 150 निवेशकों का 7 करोड़ डकार गए लखनऊ के दंपति

बरेली,अमृत विचार। करीब 6 साल पहले लखनऊ, गोरखपुर, जौनपुर समेत अलग-अलग शहरों के रहने वाले कुछ लोगों ने मिलकर बरेली में एक इन्वेस्टमेंट कंपनी की शुरूआत की। बरेली मंडल के करीब 150 लोगों को उसमें आरडी व एफडी योजनाओं के तहत जोड़ा और दैनिक, मासिक व सावधि योजनाओं के तहत निवेशकों से मोटी रकम जमा …
बरेली,अमृत विचार। करीब 6 साल पहले लखनऊ, गोरखपुर, जौनपुर समेत अलग-अलग शहरों के रहने वाले कुछ लोगों ने मिलकर बरेली में एक इन्वेस्टमेंट कंपनी की शुरूआत की। बरेली मंडल के करीब 150 लोगों को उसमें आरडी व एफडी योजनाओं के तहत जोड़ा और दैनिक, मासिक व सावधि योजनाओं के तहत निवेशकों से मोटी रकम जमा करवाई।
योजनाओं का समय पूरा होने के बाद कंपनी के चेयरमेन व निदेशकों ने कंपनी में जमा हुई करोड़ों की रमक का गबन कर लिया। इसके बाद निवेशकों को रकम वापसी का झूठा आश्वासन देते रहे लेकिन रकम वापस नहीं की। जमा पूंजी वापस न मिलने पर निवेशकों ने कंपनी कर्मचारियों का घेराव कर लिया।
वहीं कंपनी के सीनियर फील्ड अधिकारी व असिस्टेंट मैनेजर समेत अन्य कर्मचारियों की ओर से कंपनी चेयरमैन व निदेशकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
बारादरी क्षेत्र के पीलीभीत बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल के पास लखनऊ के कंचना मार्ग स्थित सीमांत नगर के रहने वाले अरुण कुमार शर्मा और उनकी पत्नी शकुंतला शर्मा ने ट्रिनिटी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड नाम से एक कंपनी शुरू की। बरेली में कंपनी का मंडल कार्यालय था।
कंपनी के बरेली मंडल कार्यालय के असिस्टेंट मैनेजर शिव लल्लन यादव ने बताया कि कंपनी की शुरूआत सितंबर 2015 में हुई थी। कंपनी के निदेशकों द्वारा मंडल के सभी जिलों में मार्केटिंग के जरिए लोगों को जोड़ा गया। बताया कि निदेशकों द्वारा आरडी व एफडी की दैनिक, मासिक व सावधि योजनाओं को शुरू किया गया।
जिसमें बरेली, पीलीभीत, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं के करीब 150 लोगों को जोड़ा गया। योजनाओं के तहत निवेशकों ने अपनी जमा पूंजी कंपनी के हवाले कर दी थी। कंपनी कर्मचारी ने बताया कि योजनाओं का समय पूरा होने के बाद भी निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया गया। हर बार चेयरमेन व निदेशकों द्वारा झूठा आश्वासन निवेशकों को दिया जाने लगा।
वहीं ज्यादा दबाव पड़ने पर निदेशकों ने कुछ निवेशकों को चेक दिए लेकिन वह भी बाउंस हो गए। उधर कंपनी के निदेशकों ने निवेशकों द्वारा कंपनी की योजनाओं में जमा हुई करीब 7 करोड़ की रकम कंपनी की चल व अचल संपत्ती बनाने के साथ-साथ व्यापार बतौर सगे संबंधियों के नाम पर संपत्ति की खरीद-फरोख्त में लगा दिया।
तीन सालों तक रुपया वापस न मिलने पर निवेशकों ने कंपनी के कर्मचारियों का घेराव व उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। कर्मचारियों को जान-माल का खतरा होने पर भी निदेशकों ने रकम वापस नहीं की। तंग आकर कंपनी के फील्ड अधिकारी अरविंद कुमार अग्रवाल व असिस्टेंट मैनेजर शिव लल्लन यादव समेत 15 कर्मचारियों के द्वारा आईजी से शिकायत करते हुए भविष्य में किसी तरह की अनहोनी होने पर कंपनी प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है।
आईजी रमित शर्मा के आदेश पर प्रेमनगर पुलिस ने कंपनी चेयरमेन लखनऊ के कंचना बिहारी मार्ग कल्याणपुर स्थित सीमांत नगर निवासी अरुण कुमार शर्मा, शकुंतला शर्मा, निदेशकों रामकेश शर्मा, अनिल कुमार शर्मा, अनूप कुमार शर्मा, अजय कुमार शर्मा, पूर्वी लखनऊ के चिनहट में फैजाबाद रोड स्थित गोयल एनक्लेव निवासी अरविंद कुमार पांडे, शशि पांडे, जौनपुर के शाहगंज में रहने वाले संतोष अग्रहरि, लखनऊ के आजाद नगर, मानस नगर की रहने वाली माया त्रिवेदी, गोरखपुर के दुर्गा वाणी निवासी सुनीता गुप्ता, बाराबंकी के पवन कुमार वर्मा, देवरिया मईल के बेलवाबाबू निवासी प्रशांत रंजन श्रीवास्तव, गोरखपुर के बांसगांव स्थित बड़ावन के रहने वाले विजय शंकर गुप्ता और बजरंगी प्रसाद पाठक के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
पांच राज्यों में चलती है कंपनी, दो दर्जन से ज्यादा मामले हैं दर्ज
ट्रिनिटी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड इन्वेस्टमेंट कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर ने बताया कि कंपनी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में कार्यालय हैं। सभी जगह कंपनी के चेयरमेन व निदेशकों द्वारा इसी तरह योजनाओं के जाल में निवेशकों को फंसाकर उनकी लाखों-करोड़ों की जमा पूंजी को हड़प कर लिया गया है।
वहीं शहजनवा, गोरखपुर, अलीगढ़, हरियाणा, पंजाब समेत कई जगह करीब 24 मामले कंपनी के खिलाफ दर्ज हैं, जिनमें से सर्वाधिक मामले लखनऊ के विकास नगर थाने में दर्ज हैं। बताया कि कंपनी के सभी पदाधिकारी लखनऊ व गोरखपुर के रहने वाले हैं और कंपनी संचालित पांचों राज्यों में निवेशकों की रकम हड़प कर चुके हैं।
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