Bareilly: बरेली में यहां पकड़ा लाखों का गोलमाल, वित्तीय अनियमितता में पाए गए ये लोग दोषी

अवर अभियंता लघु सिंचाई, ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव पाए गए वित्तीय अनियमितता के दोषी

Bareilly: बरेली में यहां पकड़ा लाखों का गोलमाल, वित्तीय अनियमितता में पाए गए ये लोग दोषी

बरेली, अमृत विचार : रामनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत लीलौर बुजुर्ग में विकास कार्याें में दो लाख से अधिक का गोलमाल पकड़ा गया है। पीडी डीआरडीए और अधिशासी अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण की अंतिम जांच में वित्तीय अनियमितता मिली और अवर अभियंता लघु सिंचाई, ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव दोषी पाए गए हैं। अब डीएम ने प्रधान और सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। जवाब से सही नहीं होने पर प्रधान को पद से मुक्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।

दरअसल, लीलाैर बुजुर्ग ग्राम पंचायत की प्रधान रामरोशनी को विभिन्न आरोपों में 3 दिसंबर 2024 को दोषी पाते हुए तत्काल प्रभाव से वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों के प्रयोग पर रोक लगा दी गई थी। इस कार्रवाई के खिलाफ प्रधान ने इलाहाबाद हाईकाेर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से राहत नहीं मिली थी।

इसके बाद मामले में अंतिम जांच के लिए पीडी डीआरडीए, तकनीकी अधिकारी में अधिशासी अभियंता जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को शामिल किया गया। कमेटी ने जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें पाया गया कि झील से मुनेंद्र के घर जाने वाले खड़ंजे के अप्रोच पर सिर्फ 6 मीटर लंबाई और औसत 5.20 मीटर चौड़ाई में कार्य किया गया, जबकि नाली निर्माण का कोई कार्य नहीं हुआ। इसमें 63 हजार 290 रुपये का अधिक और फर्जी भुगतान पाया गया। 

इसी तरह से शिव मंदिर तालाब पर पूर्व में बने चबूतरे का निर्माण कार्य की डीपीआर की जांच की गई तो पाया कि चबूतरे के चारों ओर ब्रिक वर्क का फाउंडेशन कार्य के लिए तैयार किया गया। मौके पर बनी दीवार से पहले से निर्मित है और यह कार्य कराया नहीं गया। इसमें 40 हजार 95 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। इसके अलावा क्रॉस नाली पर ड्रिपजाल निर्माण की जांच में 30 हजार 390 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। 

पंचायत घर के निर्माण की जांच में 72 हजार 600 रुपये की रिकवरी निकाली गई है। डीपीआरओ कमल किशोर ने बताया कि इस मामले में अवर अभियंता लघु सिंचाई, ग्राम प्रधान रामरोशनी, तत्कालीन सचिव ने अपने दायित्वों का सही से निर्वहन नहीं किया है। विकास कार्य के नाम पर दो लाख 6 हजार 375 रुपये की क्षति पहुंचाई गई है। वित्तीय अनियमितता में तीनों लोग दोषी पाए गए हैं। डीएम ने नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। सही जवाब नहीं मिलने पर प्रधान को पद से मुक्त और अन्य पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

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