हरदोई: आखिर हार गई जिंदगी….नहीं रहे इच्छा मृत्यु की भीख मांगने वाले निसार

हरदोई: आखिर हार गई जिंदगी….नहीं रहे इच्छा मृत्यु की भीख मांगने वाले निसार

हरदोई। सरकार और ‘सरकार’ के हुक्मरानों से जिंदगी जीने की भीख मांगने वाले बदनसीब निसार ने आखिर जिंदगी से हार मान ही ली। कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे निसार ने दर-दर भटकते हुए अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन पत्थर दिल अफसरों को जरा भी तरस नहीं आया। जिंदगी की भीख मांगने वाले निसार के न रहने …

हरदोई। सरकार और ‘सरकार’ के हुक्मरानों से जिंदगी जीने की भीख मांगने वाले बदनसीब निसार ने आखिर जिंदगी से हार मान ही ली। कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे निसार ने दर-दर भटकते हुए अपनी आपबीती सुनाई, लेकिन पत्थर दिल अफसरों को जरा भी तरस नहीं आया। जिंदगी की भीख मांगने वाले निसार के न रहने के बाद अब उसका कुनबा अपनी जिंदगी कैसे बसर करेगा ? लोग इसी सवाल का जवाब तलाश रहें हैं।

बताते चलें शहर के मोहल्ला नुमाइश पुरवा निवासी मोहम्मद निसार पुत्र नूर मोहम्मद किसी तरह मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने कुनबे का पेट पाल रहा था। पत्नी सलीम जहां और दो बेटों एहसान व ज़ीशान का बोझ उसी के कांधे पर था। लेकिन इसी बीच निसार को कैंसर जैसी बीमारी ने जकड़ लिया। जो भी पास में था, सारा जोड़-बटोर कर बीमारी पर खर्च कर दिया।

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जब कोई राहत नहीं मिली तो निसार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की भीख मांगी। तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने निसार को लेकर हमदर्दी जताते हुए उसे सीएमएस के पास भेजा तो लेकिन वहां भी नाउम्मीदी ही हाथ लगी। मोहल्ले के लोगों की मदद से निसार को चंद सांसे तो नसीब हो गई, लेकिन ज़िंदगी उससे रूठ गई। शनिवार को उसने अपने घर के छप्पर के नीचे सांसों का साथ छोड़ दिया।

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