एमएसपी कानून बनाने सहित किसानों की सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा: राकेश टिकैत

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में कहा कि सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाने सहित अन्य मांगों से ना तो किसान पीछे नहीं हटेंगे ना ही इन मांगों के पूरा होने तक आंदोलन खत्म करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सोमवार …

लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखनऊ में आयोजित किसान महापंचायत में कहा कि सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाने सहित अन्य मांगों से ना तो किसान पीछे नहीं हटेंगे ना ही इन मांगों के पूरा होने तक आंदोलन खत्म करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सोमवार को यहां आयोजित किसान महापंचायत में टिकैत ने कहा कि आंदोलन में मारे 750 से अधिक किसानों को शहीद का दर्जा देने, उनके परिजनों को मुआवजा देने और एमएसपी का कानून बनाने, गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने सहित अन्य मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

वहीं, प्रधानमंत्री की ओर से किसान बिल वापस लिए जाने के बाद भी टिकैत की भाषा अभी नरम नहीं है। लखनऊ के इको गार्डन में किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने आंदोलनकारियों से बार बार बात करने के सरकार के दावे को गलत बताते हुये कहा कि दिल्ली में आराम से बैठने वालों की भाषा अलग थी। उन्होंने कहा, “एमएसपी के लिए कानून बनना चाहिए। जिससे किसानों का भला हो, यह हमारी प्रमुख मांग है। सरकार पर हमला बोलते हुए टिकैत ने कहा कि, पूरे देश को निजी कंपनियों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे पूरी हुये बिना किसान आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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टिकैत ने एआईएमआईएम के प्रमुख व सांसद असदउद्दीन ओवैसी के नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को वापस लेने की सरकार से मांग करने के बारे में कहा कि ओवैसी और भाजपा के बीच ‘चाचा-भतीजे’ का रिश्ता है। ये सरकार उनकी हर मांग पूरी करेगी। राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गन्ने के चार हजार करोड़ के बकाए की भुगतान की भी मांग की।

राकेश टिकैत ने आगामी सात दिसंबर के बाद तीन दिन के लिए लखीमपुर जाने की घोषणा की। महापंचायत में कई बड़े किसान नेता शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर को सरकार की ओर से कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच महापंचायत में जुटी किसानों की भीड़ को देखते हुये लखनऊ पुलिस दिन भर अलर्ट मोड पर रही। भारी संख्या में किसानों के लखनऊ पहुंचने के मद्देनजर शहर के तमाम इलाकों में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात की गयी थी।